मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड कर्मचारियों व्दारा सरकार के माडल एक्ट लागू किए जाने का विरोध, व्यापारियों द्वारा सीधे तौर पर किसानों से अनाज खरीदने पर कर चोरी किए जाने एवं कर्मचारियों को दरकिनार करने का विरोध

मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड कर्मचारियों का आज बैठक का आयोजन किया गया इस बैठक में सरकार द्वारा जो मॉडल एक्ट लागू किया जा रहा है उसके विरोध स्वरूप मंडी बोर्ड के कर्मचारियों की एक बैठक मंडी बोर्ड कार्यालय अरेरा हिल्स भोपाल में आयोजित की गई इस बैठक में निर्णय लिया गया कि किसानों से अनाज की खरीदी सीधे तौर पर की जाएगी और इसमें कर्मचारियों का कोई योगदान नहीं रहेगा इसीलिए मंडी बोर्ड के कर्मचारियों को दरकिनार करते हुए सरकार व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए मॉडल एक्टर लगा रही है जो मंडी बोर्ड के कर्मचारियों के लिए हित मैं नहीं है। मध्य प्रदेश एग्रीकल्चर मंडी बोर्ड ऑफिस सरस एंप्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अंगिरा पांणडेय ने बताया कि सरकार ने जो मॉडल एक्ट बनाया है उससे मंडी बोर्ड के कर्मचारियों का हित ही होगा इसीलिए आज मंडी बोर्ड के कर्मचारी अधिकारियों द्वारा यह बैठक आयोजित की गई और ऐसे में फैसला किया गया कि इसका पुरजोर हम विरोध करेंगे यदि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो हम सरकार को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंप चुके हैं जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया था कि मंडी बोर्ड के कर्मचारियों के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा लेकिन देखने में आ रहा है कि सरकार इसके प्रति गंभीर नहीं है हमारी मांगों का निराकरण अभी तक सरकार द्वारा नहीं किया गया है तथा किसानों के अनाज की खरीद व्यापारियों द्वारा सीधे की जाएगी जो उचित नहीं है इससे सरकार को राजस्व की हानि होगी क्योंकि किसानों से अनाज खरीदने के उपरांत व्यापारी का रिकॉर्ड सरकार के पास नहीं होगा जिससे उन्हें जीएसटी टैक्स उपज कर आदि का हिसाब किताब सरकार को उपलब्ध नहीं हो पाएगा और व्यापारी अपने मनमाफिक हिसाब से किसानों से खरीद फरोख्त करेंगे। जबकि अभी तक मंडी बोर्ड के हिसाब से व्यापारियों के खरद की और किसानों की सुरक्षा का पूरा इंतजाम था लेकिन ऐसा होता है तो सरकार के साथ ही मंडी बोर्ड के कर्मचारियों का अहित होना सुनिश्चित है। इंदौर संभाग क्षेत्र के अध्यक्ष श्री ए आर खान ने बताया कि मध्यप्रदेश में 258 मंडिया हैं इन मंडियों के कर्मचारियों द्वारा किसान और व्यापारी के बीच के लेनदेन को लेकर सारा हिसाब किताब सरकार को सुरक्षित तरीके से दिया जाता है लेकिन अब सरकार द्वारा जो मॉडल एक्ट लागू किया जा रहा है उससे व्यापारी और किसान के बीच के लेन-देन का हिसाब किताब सुरक्षित नहीं रहेगा जिससे सरकार को जो नुकसान हुआ वही व्यापारी अपने हिसाब से लेन-देन करेगा इसकी वजह से जहां इनकम टैक्स विभाग को नुकसान होगा वहीं सरकार को मिलने वाले टैक्स भी नहीं मिल पाएंगे व्यापारी टैक्स चोरी करेगा और हिसाब किताब में गड़बड़ी करेगा। जबकि मंडी बोर्ड के कर्मचारियों द्वारा किसानों के साथ साथ सरकार के हित का ध्यान भी रखतें है लेकिन अब सरकार द्वारा जो मॉडल एक्ट लागू किया जा रहा है वह सरकार के नुक़सान के साथ ही मंडी बोर्ड के कर्मचारियों का भी नुकसान पहुंचाएगा। व्यापारियों व्दारा किसानों से अनाज उत्पादन की सीधी खरीदी किए जाने से इस पर सरकार का जहां नियंत्रण नहीं होगा वहीं दूसरी ओर मंडी बोर्ड के कर्मचारियों को दरकिनार करते हुए व्यापारियों का एक बड़ा फायदा होगा। व्यापारी टैक्स की चोरी आराम से अपने हित में करेगा इसका कोई हिसाब किताब सरकार को उपलब्ध नहीं हो पाएगा। वहीं बालाघाट जिले के श्री मनोज पटले ने बताया कि सरकार जो कदम उठाने जा रही हैं वह ना सरकार के हित में है और ना ही मंडी बोर्ड के कर्मचारियों हित में है। सरकार यदि‌ हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो हमारा संगठन आगामी समय में जहां र्पृदेशव्यापी पृदर्शन करेगा वहीं सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करेगी।


 


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