कोविड-19 लॉकडाउन ने तोड़ी आम जनमानस की कमर ,दिख रहा है हर ओर तनाव का असर, आत्महत्या के लिए मजबूर बेबस कैसे करें बसर, महिला स्व सहायता समूह की दुर्दशा की खास खबर

भारत देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार ने स्व सहायता समूह बनवा कर फाइनेंस कंपनियों से इन महिलाओं को छोटे-मोटे व्यवसाय के लिए उपलब्ध कराने का कार्य किया था लेकिन कोरोना महामारी के लॉकडउन के इस दौर में इनसो सहायता समूह के हालात बद से बदतर हो चुके हैं ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल क्षेत्र के बाणगंगा में देखने को मिला है इस क्षेत्र में लगभग आर्ट फाइनेंस कंपनियों ने लगभग ढाई सौ महिलाओं को स्व सहायता समूह को बनाकर ऋण उपलब्ध कराया था लेकिन पूर्ण महामारी की वजह से पिछले 4 माह से उनकी आर्थिक स्थितियां बहुत ही कमजोर हो चुकी हैं रोजगार ठप होने के साथ-साथ घरेलू खर्च भी बमुश्किल वह कर पा रही हैं इस क्षेत्र की सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती सरोज सिंह ने बताया कि चुकी कोरोनावायरस महामारी के चलते लॉकडाउन होने की वजह से हमारी समूह की महिलाओं को जोड़ें भारत फाइनेंस कंपनी द्वारा दिया गया था लेकिन पिछले 4 माह में कोई रोजगार कार्य नहीं चला और घरेलू खर्च भी हो चुका है जिससे समूह की महिलाएं भरने में बेबस है हमारी सरकार से मांग है कि सरकार हमारे इनको माफ करें और छोटे-मोटे धंधे के लिए ऋण उपलब्ध कराएं क्योंकि फाइनेंस कंपनियों से ऋण लिया है उनके कर्ता-धर्ता हर रोज हमको लोन की किस्त भरने के लिए परेशान कर रहे हैं जहां हमें मानसिक प्रताड़ना मिल रही है वही हम लोग आर्थिक तंगी से परेशान हैं श्रीमती सरोज सिंह ने आगे बताया कि हम लोगों की स्थिति ऐसी है कि ना हम जी सके रहे हैं ना मर सके हैं इसलिए हम सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह हमारी इस समस्या पर त्वरित रूप से ध्यान दें और हमारे परिवारों को फाइनेंस कंपनियों द्वारा जो प्रताड़ित किया जा रहा है उसे बचाया जाए उन्होंने बताया कि फाइनेंस कंपनियों के कर्ताओं के खिलाफ हमने थाना टीटी नगर से लगाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तक आवेदन दिए हैं जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है बल्कि उल्टे हमारे ऊपर फाइनेंस कंपनी के दरा दबाव डाले जा रहे हैं और कहां जा रहा है कि आप अपना घर का सामान भेज दीजिए या आत्महत्या कर लीजिए लेकिन आपको हमारे फाइनेंस कंपनी का पैसा तो भरना ही पड़ेगा। जिससे अधिकतर महिलाएं मानसिक तनाव में हैं। भारत फाइनेंसियल इंक्लूजन फाइनेंस कंपनी महिला स्व सहायता समूह बानगंगा के प्रभारी श्रीमती सरोज सिंह ने बताया कि समूह की रोजी खान ने प्रताड़ना से त्रस्त होकर केरोसिन डालकर आत्महत्या करने की कोशिश भी की लेकिन समूह की महिलाओं ने उन्हें बचा लिया और समझाया कि हम संघर्ष करेंगे और सरकार से मांग करेंगे सरकार हमारी समस्या पर ध्यान देती है तो अच्छा है। जिन फाइनेंस कंपनियों ने बानगंगा के क्षेत्र में महिला स्व सहायता समूह को ऋण दिया है उनमें भारत फाइनेंसियल इंक्लूजन फाइनेंस कंपनी नंबर दो संहिता फाइनेंस कम्युनिटी सर्विसेज नंबर 3 जनलक्ष्मी जना बैंक कोलार नंबर 4 पहल फाइनेंस सर्विसेज नंबर 5 इक्विटास फाइनेंस सर्विसेज नंबर 6 एसबीसीएल नंबर 7 फ्यूजन फाइनेंस नंबर 8 शरण वेलफेयर फाउंडेशन आदि प्रमुख हैं इन कंपनियों ने 10,000 से लेकर 50000 तक का रेट इनसो सहायता समूह को प्रत्येक महिला के मान से दिया है जिसमें से इन महिलाओं ने लगभग आधी धनराशि इन फाइनेंस कंपनियों को किस्तों के रूप में लौटा दी है लेकिन अब जो आधी बची राशि है उनकी वसूली के लिए तीन तीन चार चर लोग कंपनियों के महिलाओं के घरों पर जाकर प्रताड़ित और परेशान कर रहे हैं फाइनेंस कंपनियों के जो वसूली करता है उनका महिलाओं से कहना है कि आपको रिंग कैसे भी हो भरना ही है चाहे आप अपना घर का सामान भेजिए चाहे आत्महत्या कीजिए हमें इससे कोई लेना-देना नहीं है। इरुप्त कंपनियों ने छोटे-छोटे धन्नो के लिए जैसे कपड़े का धंधा फूल माला का धंधा सिलाई सेंटर पापड़ अचार बनाने सब्जी बेचने आदि छोटे-छटे व्यवसाय के लिए ऋण दिया था लेकिन लॉकडाउन के चलते 4 माह से सारे व्यवसाय चौपट हैं। इसकी वजह से महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक तंगी के दौर से जहां गुजर रहे हैं वही रोजी रोजगार ना होने की वजह से आत्महत्या करने के लिए विवश हैं बताया जाता है कि शिवनगर गेमन इंडिया के पास एक महिला स्व सहायता समूह की ने आत्महत्या तक कर ली है वही बानगंगा क्षेत्र की श्रीमती रोजी खान ने भी आत्महत्या करने का प्रयास किया है यदि फाइनेंस कंपनी ऐसे ही प्रताड़ित करती रही तो मानसिक तनाव में और महिलाएं भी आत्महत्या कर सकती हैं ऐसा क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए लग रहा है सरकार को इस पर शीघ्र ध्यान देना चाहिए तथा स्व सहायता समूह की महिलाओं का समस्या का समाधान करना चाहिए ऐसा इस क्षेत्र की महिलाओं का कहना है जिनमें प्रमुख रूप से श्रीमती रुखसार श्रीमती रुबीना श्रीमती निर्मला शर्मा श्रीमती पिंकी खैरवार श्रीमती किरण खेरवार श्रीमती राजकुमारी श्रीमती नेहा सिंह श्रीमती सहाना खान श्रीमती नसरीन खनचा श्रीमती शबीना खान सहित लगभग 200 महिलाओं ने सरकार से मांग की है कि उनका ऋण माफ किया जाए और आगे रोजगार के लिए उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जाए। जब इस क्षेत्र की महिला स्व सहायता समूह की समस्या का ध्यान पूर्व मंत्री पीसी शर्मा को पता चला तो उन्होंने झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ जिला उपाध्यक्ष श्री मतीन शेख के कहने पर बाणगंगा क्षेत्र पहुंचे और महिलाओं की समस्याओं को उन्होंने सुना तथा उन्हें आश्वस्त किया कि भले ही हमारी कांग्रेस की सरकार ना हो लेकिन मैं कोशिश करूंगा कि वर्तमान भारतीय जनता पार्टी सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा कर आपकी समस्या का समाधान कराने की पूरी पूरी कोशिश करूंगा।


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