शिक्षा विभाग के निजी करण को लेकर वेबीनार आयोजन में शिक्षाविदों ने दी जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने 6 राज्यों का पायलट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव वर्ल्ड बैंक को भेजा है, शिक्षक संगठन करेंगे इसका विरोध
नेशनल कोलिशन फॉर एजुकेशन नई दिल्ली द्वारा मध्य प्रदेश के शिक्षकों के साथ वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें डॉ रमाकांत राय तनेजा और सुश्री आशा मिश्रा आदि शिक्षाविदों ने भाग लिया और जानकारी दी कि भारत सरकार ने वर्ल्ड बैंक को एक प्रस्ताव दिया है इस प्रस्ताव में वर्ल्ड बैंक से लोन मिलने के उपरांत भारत के 6 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शिक्षा के निजीकरण का कार्य किया जाएगा। इन 6 राज्यों में शिक्षा विभाग के निजीकरण के प्रस्ताव के उपरांत अन्य राज्यों में भी इस प्रस्ताव के आधार पर कार्य किया जाएगा लेकिन भारत के गरीब बच्चों के लिए शिक्षा का निजीकरण होना जहां उनके अभिभावकों के हित में नहीं है वहीं शिक्षकों के हित में भी नहीं है इसीलिए कई शिक्षा संगठनों ने भारत सरकार के इस पायलट प्रस्ताव की योजना का विरोध करने का निर्णय लिया है
उक्त जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस संघ के प्रदेश अध्यक्ष संरक्षक रामनरेश त्रिपाठी और जिला अध्यक्ष श्री सुभाष सक्सेना ने आगे बताया कि भारत सरकार द्वारा शिक्षा विभाग का निजीकरण किया जाना जहां देश हित में नहीं है वही देश के बच्चों की शिक्षा पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा इसलिए सरकार को चाहिए कि वह इस पर सोच विचार करें और शिक्षा के स्तर सुधारने पर कार्रवाई करें निजीकरण करने से शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों के अभिभावकों पर जहां भार पड़ेगा वही उनकी मुश्किलें भी बढ़ेगी।
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