सामाजिक कार्यकर्ता भुनेश्वर मिश्रा ने मध्यप्रदेश शासन और चिरायु हॉस्पिटल एवं बंसल हॉस्पिटल के खिलाफ कोविड-19 घोटाला षड्यंत्र को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की
मध्यप्रदेश में कोविड-19 कार्यक्रम को लेकर घोटाले का मामला कोर्ट में रिट पिटिशन दायर कर दी गई है यह याचिका आर टी आई कार्यकर्ता श्री भुवनेश्वर मिश्रा ने पेश कीहै मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश सरकार व्दारा कोरोनावायरस संर्कमितो के इलाज हेतु निजी अस्पतालों को करोड़ों रुपए खर्च हेतु दिए गए जबकि राज्य में की अच्छे शासकीय अस्पताल हैं और अस्पतालों की अनुभवी और पृशिक्षित टीम मौजूद हैं इसके बावजूद निजी अस्पतालों को करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया । वहीं काम शासकीय अस्पतालों में कोरोनावायरस वायरस पीड़ितों के इलाज का कम खर्चे में किया जा सकता था
लेकिन मध्यप्रदेश शासन ने राजधानी भोपाल के निजी अस्पतालों चिरायु हॉस्पिटल भैंसा खेड़ी बैरागढ़ सिंधी और बंसल हॉस्पिटल शाहपुरा को ही यह काम क्योसौंपा गया ? इन्हीं बातों को आधार बनाकर श्री भुवनेश्वर मिश्रा व्दारा यह रिट पिटिशन हाई कोर्ट में पेश की है। शासन ने निजी अस्पतालों के साथ षड्यंत्र रचकर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं।
जबकि चिरायु हॉस्पिटल के कर्ता-धर्ता श्री अजय गोयनका को व्यापम पीएमटी घोटाले में शामिल होने पर आरोपी बनाया गया है । बड़े तालाब के वाटर लैंड क्षेत्र में ३०एकड़ भूमि भी ग़लत तरीके से चिरायु हॉस्पिटल को मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिया गया है ।श्री भूवनेश्वर मिश्रा ने बताया है कि ऐसे कई बातें है जो कोविड १९मरीजो के इलाज को करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए हैं। आगे उन्होंने उल्लेख किया है कि राजधानी भोपाल में हमीदिया हॉस्पिटल १००बेड, भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल ८०बेड और और केंद्र सरकार का एम्स हॉस्पिटल ५०बेड का होने के बावजूद इन अस्पतालों को कोरोनावायरस पीड़ितों को इन निजी अस्पतालों में क्यों भर्ती किया गया? श्री मिश्रा ने बताया है कि समाचार पत्र पत्रिका मे छपे समाचारों से पता चलता है कि मरीज के इलाज के लिए हरदिन हरमरीज के हिसाब से मध्यप्रदेश शासन द्वारा कोविड-19 कार्यक्रम के तहत इन अस्पतालों को ५४०० पांच हजार चार सौ का भुगतान किया गया है।एक दिन के भोजन पर ५००रूपये खर्च किए जा रहे हैं।वह भी साधारण भोजन ही उन्हें दिया गया है। जबकि इन अस्पतालों व्दारा शासन से कम दर पर जमीन लीज पर जहां ली गई है वही अनुदान राशि भी ली जा रही है। इसलिए उन्हें पीड़ितों का इलाज़ सेवा भाव से कार्य करना चाहिए था जो उन्होंने नहीं किया ? चूंकि चिरायु हॉस्पिटल और बंसल हॉस्पिटल ने शासन के साथ मिलकर षड़यंत्र रचा है और जनता को राहत और बचाव कार्य ठीक ढंग से नहीं किया गया है।
अतः कोविड १९ का शासन द्वारा दिया गया राहत भुगतान की निष्पक्ष जांच एजेंसी से करारी जाने की मांग सहित मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और दोनो हास्पीटलो के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई एफ आई आर दर्ज कराई जाने के आदेश दिए जाएं।
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