पूरा विश्व अपने अस्तित्व को बचाने में लगा है ,अमेरिका अपनी धाक बचाने में और चीन दुनिया पर दादागिरी जमाने की फिराक में ,अस्तित्व की लड़ाई के लिए दो भागों में बंटेगी दुनिया

विश्व मैं अपने अस्तित्व को बचाने की एक लड़ाई सी चल रही है इस लड़ाई में चाहे कोई नेता हो देश हो व्यापारी हो आतंकवादी हो धार्मिक नेता हो और कोई भी हो वह आज अपने अस्तित्व की लड़ाई में लगा हुआ है जिस तरीके से इस कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को उलझा कर रखा है उसको देख कर ऐसा लगता है कि वह एक महाभारत की लड़ाई में कृष्ण की भूमिका में है पूरी दुनिया पर दादागिरी करने वाला अमेरिका देश आज अपने आप को बचाने के लिए संघर्षरत है जिस जगह से कोरोनावायरस फैला और दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया वह चीन पूरी दुनिया को जहां ललकार रहा है वहां अमेरिका से दो-दो हाथ करने के लिए भी तैयार बैठा हुआ है विश्व का देश का हर नेता जहां अपने आप को इस दौर में सर्वश्रेष्ठ साबित करने में लगा है और अपने अस्तित्व के लिए लड़ाई लड़ रहा है अमेरिका चीन को कोरोनावायरस फैलाने का जहां दोषी बता रहा है वहीं चीन भी अमेरिका को दोषी मान रहा है और आर्थिक मुद्दे पर भी उसको ललकार ने में लगा है दोनों देश आज अपने अपने हथियारों का प्रदर्शन करने में लगे हैं अपनी सीमाओं को जहां चाक-चौबंद करने में लगे हैं वही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार चीन को चेतावनी देने में लगे हैं और इस कोरोनावायरस ए हुए नुकसान की भरपाई के लिए चीन पर दबाव बना रहे हैं वही चीन दुनिया में अपनी दादागिरी बनाने के लिए जी जान से लगा हुआ है ताजा-ताजा अमेरिका नस्लभेद की लड़ाई से दूसरी और परेशान है अमेरिका की श्वेत और अश्वेत जनता एक पुलिस वाले की गलती से एक दूसरे को मारने पर उतारू बैठी हुई है अंदर और बाहर दोनों ओर से अमेरिका जहां परेशान है वहीं चीन की भी यही स्थिति है हमअगर भारत की बात करें तो भारत में भी बड़े दलों में स्कोर बचाने की लड़ाई चल रही है जहां भारतीय जनता पार्टी कांग्रे्स स्को्को्‌ समाप्त करने की ओर अग्रसर है वही कांग्रेसी भी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को कटघरे में खड़ा किए हुए देश की आवाम हर देश में हैरान और परेशान है उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि हमारा हितेषी कौन है जबकि देश के लीडरों ने जनता से मत लेकर उनकी हक और अधिकारों की रक्षा की जवाबदेही ली हुई है लेकिन दुनिया में और देश में ऐसा लग नहीं रहा है कि वह देश की आवाम की चिंता कर रहे हो जिससे देश के नेताओं की ओर दलों की स्थिति जहां कटघरे में खड़ी है वही आर्थिक मोर्चे पर भी व्यक्ति ही नहीं देश भी परेशान हैं जिससे हर चाहे वह धार्मिक हो आर्थिक हो व्यापारी को या फिर वह आतंकवादी हो सब अपने अस्तित्व को बचाने में लगे हुए हैं अब देखना यह है कि यह कुदरत और कायनात इसके अस्तित्व को बचाती है और किस के अस्तित्व को समाप्त करती है यह भी भविष्य के गर्त में हैं इस कुदरत ने हाथी से लेकर चींटी तक को अपने अस्तित्व को कायम रखने के लिए कुछ ना कुछ ताकत दी है और उस ताकत से वह अपने अस्तित्व को बचाए रखती है कायनात कुदरत के करिश्मे को कोई समझ नहीं सकता क्योंकि एक जरा सा विषाणु पूरी दुनिया को हिलाए हुए हैं ।किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर हो क्या रहा है लेकिन इसके बावजूद कोई भी छोटा बड़ा व्यक्ति और देश सबक नहीं ले रहा है और अपनी हेकड़ी में लगा हुआ है यह सर्वमान्य सिद्ध है कि किसी का भी अहंकार और घमंड कभी भी कारगर साबित नहीं हुआ है कुदरत ने उसके हम और अहंकार को हमेशा नेस्तनाबूद ही किया है जो प्राण की रक्षा करता है वह सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और जो जीवो का नरसंहार करता है वह शैतान होता है परमाणु निरस्त्रीकरण की पहल को जिस तरीके से ठेस पहुंच रही है उसी तरीके से पूरे विश्व में जीवो की अस्तित्व की रक्षा कैसे हो यह एक चिंता का विषय है कुल मिलाकर यह है कि पूरी दुनिया के अंदर अपने अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई चल रही है इसका हस्त्र क्या होता है यह ऊपरवाला ही जाने?


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