मध्यप्रदेश शासन ने विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम को संज्ञान में लेते हुए *प्री प्राइमरी और प्राइमरी शिक्षा* पर लगाई रोक, बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत
मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा प्री प्राइमरी और प्राइमरी ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम को मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस संघ के अनुरोध पर जहां रोक लगा दी है वही माध्यमिक कक्षाएं दो सत्रों में 30 से 45 मिनट की होंगी। मध्यप्रदेश शासन ने संघ के अनुरोध को संज्ञान में लेते हुए प्री प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं का ऑनलाइन संचालन पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया है वही राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा कक्षा 6 से 8 तक की माध्यमिक कक्षाओं का ऑनलाइन संचालन दो सत्रों में 30 से 45 मिनट रखा गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के अभिभावकों और छात्र छात्राओं को डिजिटल डिवाइस और डाटा रिचार्ज की समस्याएं परिलक्षित हो रही थी तथा गति पर सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि सरकार के संज्ञान में निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा का लंबा कार्यक्रम चलाया जा रहा था जिससे छात्र छात्राओं को जहां समस्या खड़ी हो रही थी वही उनकी मनोवैज्ञानिक स्थिति भी तनावपूर्ण हो रही थी। ऑनलाइन शिक्षा संचालन में मोबाइल लैपटॉप और कंप्यूटर से बच्चों के ऊपर दुष्प्रभाव जहां पढ़ रहे थे वही संचालन की अवधि लंबी होने की वजह से कई समस्याएं भी खड़ी हो रही थी इसलिए सरकार ने बाल अधिकार अधिनियम के तहत संज्ञान में लेते हुए इस मामले में गाइडलाइन जारी की है जिसके अनुसार ही निजी और शासकीय स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा माध्यमिक कक्षाओं को उपलब्ध कराई जाएंगी। अनिवार्य बाल अधिकार शिक्षा अधिनियम के तहत छात्रों के समग्र विकास के लिए सरकार द्वारा दिए गए निर्देश अनुसार ही अब छात्रों की ऑनलाइन शिक्षा होगी ऑनलाइन शिक्षा के रिकॉर्डिंग भी छात्रों और अभिभावकों को उपलब्ध कराई जाएगी जिसके अनुसार वह अपनी सुविधा से शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। एनसीईआरटी द्वारा तैयार दिशा निर्देश के अनुसार *शेफ ऑनलाइ लर्निंग टाइम्सन सिस्टम आप कोविड-19* के तहत अब ऑनलाइन शिक्षा छात्रों को शिक्षण संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए सभी शिक्षण संस्थाओं को ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम निर्धारित करने को कहा गया है।ओके जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस संघ के संरक्षक प्रभारी और जिला अध्यक्ष भोपाल श्री सुभाष सक्सेना और रामनरेश त्रिपाठी ने बताया कि हमारी मांग को मध्य प्रदेश सरकार ने संज्ञान में लेते हुए जो निर्णय लिया है उसके लिए हम उनका साधुवाद करते हैं।
Comments
Post a Comment