विश्व की इंटेलिजेंस कोरोना वायरस की सच्चाई और आस्तीन के सांपों का करें पर्दाफाश ,कहीं संसार सांप के पाँँव तो नहीं पकड़ रहा?
विश्व में चल रहे हालातों को देखते हुए ऐसा लगता है कि संसार के सारे देश सांप के पांव पकड़ने में लगे हुए हैं वहीं कुछ देश अस्तीनो के सांप से परेशान हैं । कोरोना वायरस की महामारी की सच्चाई की विकासशील और विकसित दोनों तरह के देश कोशिश कर रहे हैं कि इससे कैसे निजात पाई जाए और दुनिया भर के वैज्ञानिक और बुद्धिजीवी अपनी एड़ी चोटी की ताकत इस वक्त लगाए हुए हैं लेकिन बहुरूपिया कोरोनावायरस प्रतिदिन अपनी चाल बदल रहा है इसके कई रूप और प्रकार पूरे विश्व में नजर आ रहे हैं लाखों की संख्या में संक्रमित पीड़ितों की आहा शायद ईश्वर तक भी नहीं पहुंच रही है । बड़ी विचित्र बात है कि इस समस्या को लेकर बड़ा भ्रम यह है कि यह कुदरत की देन है या किसी देश समुदाय की साजिश? एक प्रश्न कोरोना वायरस की महामारी पर बना हुआ है। क्योंकि चीन के वुहान से इसका फैलाव शुरु हुआ जिसको लेकर विश्व पर दादागिरी करने वाला अमेरिका उसको अपने टारगेट पर लिए हुए है लेकिन और देश इस समस्या को किस रूप में ले रहे हैं यह भी समझ से परे है ?क्योंकि उनकी पहली प्राथमिकता इस महामारी से निजात पाना है ! विश्व की इंटेलिजेंस को चाहिए कि वह इसकी गहराई में उतर और वास्तविकता का पता लगाकर उस पर अमल करें और करवाएं। सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कोरोना वायरस के 11 प्रकार बताए जा रहे हैं कहीं इसके लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो कहीं इसके लक्षणों का अनुमान तक वैज्ञानिको डॉक्टर नहीं लगा पा रहे हैं ! सारी फार्माटिकल और लैब अपने हिसाब से इसकी वैक्सीन और दवाइयां बनाने में लगे हुए । क्या यह दवाइयां पूरे विश्व में एक समान काम कर सकती है यह भी एक प्रश्न खड़ा हुआ है ।
लेकिन कोई तो ऐसी चीज है जो कुदरत और इंसान के बीच में चल रही है । दूसरा पहलू किसी देश की साजिश भी नजर आ रही है , हो सकता है कि यह साजिश जनसंख्या नियंत्रण के लिए भी हो । तीसरा यह मामला किसी देश द्वारा समुदाय द्वारा बदले की भावना भी हो सकती है? क्योंकि यह हथियार उनके हाथ में लग चुका है ऐसा प्रतीत होता है जिसका इस्तेमाल वह टारगेट पर कर देश और दूसरे समुदाय के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं ऐसी लगभग तीन बातें हैं जो विवश करती हैं कि इसकी तह तक जांच होना चाहिए । विश्व की इंटेलीजेंस इस मुद्दे को गंभीरता से लें और इसके जांच के परिणामों से दुनिया को अवगत कराएं । तभी इस समस्या का हल कुछ हद तक निकल सकता है नहीं तो इसका अंत कुदरत के अलावा दुनिया की कोई ताकत नहीं कर सकती?
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