श्रम कानून संशोधन का विरोध प्रदर्शन हुआ - कामरेड श्रवण कुमार ।वही एक पत्रकार ने किया अपना दर्द बयां छोटे मझोले पत्रकारों के लिए
मध्य प्रदेश इंटक ने अपने मुख्यालय भोपाल में सरकार के श्रम कानून के विरोध में प्रदर्शन किया उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जिस तरह श्रमिकों का शोषण कर रही है उसे देश की अर्थव्यवस्था ठीक होने वाली नहीं है अतः सरकार को इस संशोधन को नहीं करना चाहिए और मजदूरों के हित में विशेष कानून बनाकर मजदूरों को लाभ पहुंचाना चाहिए क्योंकि श्रमिक ही है जो देश के निर्माण में अपना खून पसीना एक करते हैं। कामरेड श्रवण कुमार ने बताया कि आज का हमारा यह प्रदर्शन सरकार के श्रम कानून संशोधन के विरोध में है । सरकार श्रमिकों के प्रति गंभीर नहीं है जबकि किसी भी देश की देश की अर्थव्यवस्था के आधार उसके मजदूर होते हैं जो उसके निर्माण में व्यवस्था में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं एक पत्रकार बंधु ने अपना दर्द कुछ इस तरह बयां किया साथियों जयहिंद
मैं कृष्णानन्द शास्त्री
भोपाल एवं दिल्ली से हिन्दी व संस्कृत भाषा में दैनिक समाचार सेक्रेटरी एवं दैनिक संस्कृत सेवा नामक पत्रों प्रकाशन
पत्रकारिता में 1988से
साथीयों
हम जिस श्रैणी में हैं
वह छोटे समाचार पत्रों को बड़े समाचार पत्र एवं जनसंपर्क विभाग हम लोगों को
अछूत दलित श्रैणी में मानते हैं हमे हमेशा से ही टुच्चा माना जाता है हमें कहीं से राजनीतिक संरक्षण नहीं मिलता है हमारे बारे में कोई अधिकारी कोई राजनीतिक पार्टी हमसे सहानुभूति नहीं रखते हैं हम सबको पिछड़ा दलित गरीब निस्सहाय मानकर हमारी पीडा कोई भी नहीं समझते हैं
आप देखें कि फरवरी में जनसंपर्क विभाग के समक्ष कितने बड़े बैनर या किसी भी बड़े संगठन ने हमारा साथ देना तो दूर किसी भी अखबार ने धरना प्रदर्शन का फोटो, समाचार नहीं लगाया ये जितने बहुसंख्यक समुदाय अखबारों का है हम छोटे अखबार वालों को अल्पसंख्यक मानते हैं (यहां बहुसंख्यक/अल्पसंख्यक/को समुदाय से नजोडें)
येमुट्ठीभर अल्पसंख्यक हम छोटे अखबार वालों जो बहुसंख्यक हैं हमारे अधिकारों का हनन करते हैं
हम लोगों को मिलने वाले बजट का अधिकांश हिस्सा हड़पने वाले हैं
पत्रकार सत्कार पत्रकार कल्याण का बजट हड़पने नित नई तिकड़मों का आविष्कार करते हैं
साथीयों लिखना बहुत है बाकी बाद में
आपका साथी
कृष्णानन्द शास्त्री
9926350989
9826431229
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