शिवराज सरकार ने आधी रात को किए तबादले, कई बड़े अफसर इधर से उधर *,संबल योजना* के बाद अब* लाड़ली लक्ष्मी योजना* का क्रियान्वयन शुरू
- *आधी रात को फुटबॉल बने वरिष्ठ अफसर । 50 से अधिक आईएएस अफसरों के स्थानांतरण आबकारी सहित कई मलाईदार विभाग निशाने पर*
भोपाल । एक तरफ जहां कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मध्यप्रदेश में मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा, वहीं दूसरी और मध्य प्रदेश सरकार ने आज आधी रात को 50 से अधिक वरिष्ठ आईएएस अफसरों के स्थानांतरण कर प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता पर गहरा निशान लगाया है । जिस महामारी के काल में भोपाल सहित कई जिले एवं संभाग रेड जोन में है वही इतना बड़ा स्थानांतरण निश्चित रूप से प्रशासनिक व्यवस्था को किस हद तक प्रभावित कर सकता है ? इस तर्क के प्रति स्थानांतरण को लेकर संवेदनहीनता सामने आ गई है । महत्वपूर्ण विषय यह है कि आखिर ऐसी महामारी की स्थिति में 50 से अधिक अफसरों के स्थानांतरण की आवश्यकता क्या थी ?
शायद कांग्रेसी महामारी को मिटाना था ..
मध्य प्रदेश सरकार ने एसीएस स्तर के 1 दर्जन से अधिक एवं प्रमुख सचिव स्तर की एक दर्जन स्थानांतरण ओं के साथ सचिव स्तर के 2 दर्जन अधिकारियों के स्थानांतरण करते हुए जिस तरह काम करते हुए विभागों को प्रभावित किया है उसके चलते इतना तो साफ है कि प्रशासनिक कार्य प्रभावित होंगे ही.. स्थानांतरण से यह लगता है कि शायद कांग्रेसी महामारी काल को भारतीय जनता पार्टी की सरकार अब सहन करने की स्थिति में नहीं थी । कई भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए एवं विचारधारा रखने वाले पदाधिकारी एवं अधिकारी कहते हैं कि लगभग 1 वर्षों से अधिक समय से महत्वपूर्ण मलाईदार पदों पर कांग्रेसी शासन काल के दौरान पदस्थ किए गए अफसर भारतीय जनता पार्टी की सरकार में लगातार खटक रहे थे । जिसके परिणाम स्वरूप आधी रात को 50 से अधिक अधिकारियों को बदलते हुए संपूर्ण प्रशासन को बदल दिया गया । निश्चित रूप से इतने बड़े प्रशासनिक बदलाव से प्रशासनिक कार्यक्रम एवं संचालन विभागीय स्तर पर इस महामारी के दौर में प्रभावित होने की आशंका बताई जाती है ।
अधिकारियों के बदलाव की सूची कहती है, हकीकत ।
मध्य प्रदेश में जिस एसीएस एवं मुख्य सचिव स्तर की अधिकारियों सहित प्रमुख सचिव एवं सचिव स्तर के अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है , उन्हें हम सूची बद्ध तरीके से वर्णित करते हुए विभाग बार दर्शा रहे हैं ताकि स्पष्ट हो सकेगी मलाईदार विभाग एवं लूप लाइन विभागों की पदस्थ में किसको क्या मिला ।
आधी रात को जारी की गई सूची के अनुसार ।
एम गोपाल रेड्डी 1985 बैच के होकर कांग्रेस की सरकार आते ही महत्वपूर्ण पदों पर रहे । हालांकि 1 वर्ष के दौरान उन्हें तीन बार कांग्रेस की सरकार में भी बदला गया । परंतु अब वह सफेद हाथी कहीं जाने वाले राजस्व मंडल ग्वालियर के अध्यक्ष बनाए गए हैं अर्थात इससे बड़ी लूट लाइन मध्यप्रदेश में कोई नहीं हो सकती । कांग्रेसी सरकार कार्यकाल में आईसीपी केसरी 1988 बेच के होकर कुछ महीने पहले ही आबकारी विभाग जैसे महत्वपूर्ण एवं मलाईदार पद पर आसीन हुए , अब उन्हें नर्मदा घाटी जैसे संतुलन वाले पद पर एसीएस के रूप में पदस्थ किया गया है। अनुराग जैन 1989 बैच के होकर भारतीय जनता पार्टी की प्रारंभिक सरकार में विशेष लोगों में गिने जाते थे उन्हें वित्त विभाग सौंपकर पदोन्नत किया गया है । मोहम्मद सुलेमान 1989 बैच के होकर एसीएस के रूप में लगभग सम्मानजनक पद पर ही पदस्थ किए गए। विनोद कुमार 1989 बैच के एसीएस होकर सामान्य प्रशासन विभाग में पदस्थ किए गए हैं। वही जेएन कंसोटिया जो भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सरकार में हमेशा अजाक्स को लेकर विवादों में बनी रहे , पहले भी लूप लाइन अर्थात पशुपालन में थे ।अब उन्हें निशक्तजन में भेज दिया गया है । 1990 बैच के विषय में राजेश राजौरा जो मध्य प्रदेश सरकार में भारतीय जनता पार्टी से लेकर कांग्रेस पार्टी में भी महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विभागों में पदस्थ रहे , उन्हें अब आराम करने की सलाह देते हुए श्रम विभाग में भेजा गया है । मले श्रीवास्तव 1990 बैच के होकर पीडब्ल्यूडी से पीएचई में भेजकर डिमोशन कर दिया गया है। 1990 बैच के ही पंकज राग जो साहित्य एवं संस्कृति प्रेमी कहलाते थे एवं उनके पास संस्कृति से जुड़ा हुआ बड़ा महकमा था । उन्हें वहां से हटाते हुए खेल विभाग एवं संसदीय कार्य मंत्रालय देकर बराबर का सम्मान रखा गया है। अशोक सा 1990 बैच के होकर कांग्रेस की सरकार में श्रम विभाग में लूप लाइन का समय काट रहे थे उन्हें महिला बाल विकास विभाग जैसे विभाग में बराबर का सम्मान दिया गया है। मनु श्रीवास्तव 1991 बैच के होकर कांग्रेस की सरकार में वाणिज्य कर जैसे महत्वपूर्ण विभागों में रहे एवं उनकी पत्नी प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव भी मुख्यमंत्री की विशेष टीम में शामिल रही थी उन्हें उद्योग विभाग से विवादों के दौरान हटाकर राजस्व मंडल प्रशासकीय सदस्य बना दिया गया है अर्थात बड़ी लूप लाइन। इसी प्रकार 1992 बैच की कल्पना श्रीवास्तव को उद्दान की प्रसंस्करण में स्थान दिया गया है । परंतु मनोज गोविल जो 1991 बैच के है ,उन्हें वाणिज्य कर विभाग में भेज कर बड़ा सम्मान दिया गया है । संजय दुबे कांग्रेस की सरकार में नगरीय प्रशासन विभाग जैसे महत्वपूर्ण पद पर थे उन्हें ऊर्जा विभाग जैसी लूप लाइन सौंपी गई। वहीं दूसरी ओर नीरज मंडलोई प्रमुख सचिव माइनिंग से पीडब्ल्यूडी में पहुंचकर बराबर का सम्मान पाने में सफल हुए। अनुपम राजन भारतीय जनता पार्टी की सरकार में जनसंपर्क आयुक्त रहे एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनकी नजदीकी जग जाहिर है , उन्हें महत्वपूर्ण विभाग महिला बाल विकास विभाग से जनसंपर्क एवं उच्च शिक्षा विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है । संजय शुक्ला 1994 बैच के पीएचई विभाग में औद्योगिक एवं निवेश के साथ पहुंचाए गए । एवं पल्लवी जैन 1994 बैच की पीएचई से आदिम जाति कल्याण विभाग में पहुंचा दी गई है। शिव शेखर शुक्ला को खाद्य विभाग से प्रमोशन दिया गया है। 2. शिवराज सरकार ने पहले संबल योजना और अब लाड़ली लक्ष्मी योजना का क्रियान्वयन शुरू किया मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी योजना को फिर से शुरू कर दिया है और आठ से इसका क्रियान्वयन भी स्टार्ट हो गया है इस योजना की सफलता ही शिवराज सिंह सरकार की पूर्व सरकार की सफलता रही जिससे महिलाओं में खास करके शिवराज सिंह चौहान ने अपनी छवि को स्थापित किया था उसी छवि को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बनाने की कोशिश कर रहे हैं उनका यह कदम एक अच्छा और सराहनीय साबित फिर से हो सकता है उल्लेखनीय है कि जयपुर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबल योजना को फिर से बल प्रदान किया है जो गरीबों मजदूरों के हितेषी और भलाई के लिए कारगर साबित होगी यदि संबल योजना का सही और वास्तविकता में क्रियान्वयन होता है तो शिवराज सरकार को भविष्य में इसका फायदा होगा और गरीब और मजदूरों के बीच में उनकी एक छवि बेहतरीन बन सकती है जिस पर नजर रखना शिवराज सिंह की पहली प्राथमिकता होना चाहिए क्योंकि पूर्व सरकार मैं देखा गया है कि इसका फायदा उनकी भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने ही उठाया है जिसकी जांच पूर्व कमलनाथ सरकार ने कराने की कोशिश की वह फाइल भी मंत्रालय में आज अपना दम तोड़ रही है शिवराज सिंह चौहान को चाहिए कि वह इस मुद्दे को भी संवेदनशील से लेते हुए दोनों योजनाओं को ठीक तरीके से मैदान में क्रियान्वित कराएं और दूजा भाव करने की अपेक्षा सभी को इसका लाभ पहुंचा है तभी उनकी सरकार की सफलता साबित होगी
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