नाई सेन समाज को लाँक डाउन मे छुट ना मिलना क्या ठीक है क्योकि अब उनके परिवार भूखे मरने की स्तिथी मे आ गये है

भारतवर्ष सहित पूरे विश्व में  Corona Sankraman महामारी के  दौर में लाँक डाउन की समस्या चल रही है ।कल भारत सरकार ने लाँक डाउन में कुछ रियायतो को देते हुए छुट्ट  दी है ।लेकिन हेयर कटिगँ सलून व्यवसाय से जुडे  लाखो नाई सेन समाज के लोगो को इससे अछूता रखा गया है।कारण इससे कोरोना सकमण फेलने की सँभावना बताई जा रही है।।यानि इस महामारी को पहले चीन ने फैलाया दूसरा तब्लीगी जमातो ने फैलाया और अब तीसरे नँबर पर नाई समाज कोरोना सकमण को फैला रहा है ।यदि ऐसा है तो  इन लाखो परिवारो का भरण पोषण की सरकार ने क्या व्यवस्था की है जिससे इनके परिवार भूखो ना मर सके ?भारत में जिनकी कुल आबादी  15%  है जबकि हम पिछड़े वर्ग की आबादी भारत मैं 52% है इस जाति का  दुर्भाग्य है कि हमें 14% आरक्षण मिला है इस आरक्षण को भी 52% मैं कुछ दबंग जातियों को ही लाभ मिल पाता है समाज के बुद्धिजीवी डॉक्टर आई एम पी वर्मा पूर्व विधायक एमपी द्वारा समाज को अनुसूचित जाति मैं सम्मिलित कराए जाने का बीड़ा उठाया परंतु मनुवादी व्यवस्था से ग्रसित समाज अज्ञानता बस इस मुहिम को मजबूती प्रदान नहीं की बल्कि उल्टा डॉक्टर आई एम पी वर्मा को दोषी मानता रहा अपितु आज भी कुछ जयचंद्र लोग मानते हैं निश्चित तौर पर डॉक्टर आई एम पी वर्मा विचारधारा संविधान विज्ञान में विश्वास रखने वाले हमारे समाज के महान नेता है परंतु अनुसूचित जाति के मुद्दे को राजनीतिक दलों से जुड़े हुए राजनीतिक एजेंटों ने मनुवादी व्यवस्था से ग्रसित  समाज तक यह कहकर मजबूती प्रदान नहीं की समाज  की बीमारी  दूर हो सकती है अपितु नाई जाती चर्मकार नहीं बनेगा कई जगह मध्यप्रदेश में इस आंदोलन का विरोध भी किया गया विरोध करता को जब इससे स्वयं का लाभ मिलता  दिखा तो उन्होंने केश शिल्पी मंडल की बात रख दी जिससे अनुसूचित जाति का मुद्दा कमजोर पड़ा  हम ऐसे राजनेता समाज के करण धारों से पूछना चाहते हैं आर्यों की कुल आबादी  15% को 10 प्रतिशत आरक्षण मिल गया l जिसका लाभ भी मिलना चालू हो गया परंतु परंतु हमारे सामाजिक राजनीतिक नेताओं ने कभी इस विषय पर चिंतन ही नहीं किया अब हम आप लोगों से पूछना चाहते हैं क्या उन्हें चमार जाति का नहीं माना जाना चाहिए क्या उनसे अभी भी आशीर्वाद लेने की आवश्यकता है परंतु साथियों हम अंधविश्वास में ज्यादा जीते हैं हम पढ़कर प्रैक्टिकल कम करते हैं सुनकर ज्यादा मानते हैं आज कोरोनावायरस जैसी महामारी ने हमारे समाज के राजा महाराजाओं की पोल खोल कर रख दिया है हमको आरक्षण  संजीवनी साबित हो सकती है फिर भी संघर्ष जारी रहना चाहिए रहेगा भोपाल में तीन बिंदुओं पर चिंतन बैठक का आयोजन होना है शैक्षणिक आर्थिक राजनीतिक आइए हम सब सारे लोग पुरानी बातों को भूल कर मजबूत नेतृत्व से मिलकर चर्चा करें इसके बाद नीति बनाकर सरकार से  अपनी बात को मजबूती के साथ हम सब रखें 🙏🙏     सेन समाज के सैलून संचालक बंधुओं आप लोगों से निवेदन है कृपया कोरोनावायरस जैसी महामारी से स्वयं बच्चे साथ ही परिवार को भी सुरक्षित रखें यह बीमारी छुआछूत से पैदा होती है कृपया बंद के समय इस कार्य से दूरी बनाकर रखें मौजूदगी हालत में ₹20 वाला राशि ₹100 का बिक रहा है ₹50 वाली दारू 500 की बिक रही है ₹30 वाली सेविंग ₹300 में होना चाहिए ₹50 वाली कटिंग ₹500 में होना चाहिए यह मांग ग्राहक के पास रखेंगे तो  ग्राहक  अपने आप सेविंग कटिंग  के लिए बात नहीं करेगा 🙏


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