मध्य प्रदेश आबकारी आदिवासी उपयोजना के कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर परेशान, मध्यप्रदेश शासन गंभीर नहीं, 1989 से दैनिक वेतन पर कर रहे कार्य
मध्य प्रदेश के आबकारी विभाग द्वारा आदिवासी उपयोजना के लगभग 3:30 सौ कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटका रखा है यह कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी और मदिरा दुकानों पर कार्यरत हैं लेकिन उनको आज पर्यंत नियमित नहीं किया गया है मध्य प्रदेश आबकारी कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष श्री मोहन पिपल्लेदे ने बताया कि सन 1989 से कई बार विभिन्न तरीके के आदेश मध्यप्रदेश शासन ने दिए लेकिन हमारी समस्याएं आज पर्यंत हल नहीं हो पाई है मध्य प्रदेश आबकारी कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश शासन से मांग करता है हमारी समस्याओं पर गौर करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान संज्ञान में लेते हुए हमारी समस्याओं को हल करें जिससे हमारे परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो सके 8 साल होने के बाद भी सरकार गंभीर नहीं है
श्री पीपलदे ने आगे बताया कि हमने मध्य प्रदेश के आबकारी मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव आपकारी विभाग तक को अपनी समस्याओं से हल करा दिया है लेकिन इसके बावजूद भी हमारी समस्याएं हल नहीं हो रही है उन्होंने बताया कि लगभग 3:30 सौ कर्मचारी ही ऐसे हैं जो मध्य प्रदेश के विभाजन के समय से ही परेशानियों का सामना कर रहे हैं और आज भी अपनी सेवाएं दैनिक मजदूरी के रूप में सरकार को उपलब्ध करा रहे हैं यह 3:30 सौ कर्मचारी मध्य प्रदेश सरकार की आबकारी दुकानों को जो कि देशी-विदेशी शराब पी है उनको संभाल रहे हैं जिनकी सेवाएं मध्यप्रदेश शासन ले तो रहा है लेकिन उनको आज परंतु कोई भी नियमितीकरण के आदेश नहीं दिए गए हम सरकार से मांग करते हैं कि वह तो रेत कार्रवाई करते हुए हमारी इस मांग को पूर्ण करें जिससे हमारे परिवारों को भविष्य रक्षित हो सके ।
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