आबकारी विभाग के आदिवासी उपयोजना योजना के 251 विक्रयकर्ता कर्मचारी, चौकीदार 1993 से नियमित और बहाली के लिए परेशान, जबकि और लोगों को आबकारी विभाग में आरक्षक और पुलिस विभाग में नियमित किया गया,मध्य प्रदेश कर्मचारी आयोग का पत्र भी दरकिनार
मध्य प्रदेश आबकारी विभाग के सन 1993 के आबकारी विक्रय करता कर्मचारी चौकीदार अपनी नौकरी बहाली को लेकर बरसों से परेशान हैं बताया जाता है कि मध्य प्रदेश के 13 जिलों के लगभग ढाई सौ से 300 विक्रय करता कर्मचारी चौकीदार ऐसे हैं जिन्हें आज तक ना कांगरे सरकार भारतीय जनता पार्टी सरकार ने उनको अभी तक बहाल किया है जबकि उसी दौरान के साथी कर्मचारियों को मध्य प्रदेश सरकार ने आबकारी विभाग में ही आरक्षक जहां बनाया है वही पुलिस विभाग में भी उनको नियुक्ति दी गई है और उन्हें नियमित किया गया लेकिन देखने में आ रहा है कि 13 जिले के इन 200 से 300 कर्मचारियों की स्थिति भूखों मरने की कगार पर है कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने बार-बार उन्हें आश्वासन दिए हैं अभी हाल ही में कमलनाथ सरकार के समय मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग ने उन्हें एक पत्र लिखकर जिसका आदेश क्रमांक 46 दिनांक 4 //3 /2020 है इस आदेश को इन कर्मचारियों ने अपर मुख्य सचिव आबकारी विभाग को दिया था इस आदेश पत्र कर्मचारी आयोग के विषय में आबकारी विभाग ने आश्वासन दिया था कि शीघ्र ही इस पर कार्रवाई की जाएगी लेकिन सरकार बदलने की वजह से उनकी यह मांग फिर अटक गई है आबकारी विभाग के उपयोजना आदिवासी इन कर्मचारियों की मांग को देखते हुए ऐसा लगता है कि मध्यप्रदेश की कोई भी सरकार कर्मचारियों के प्रति गंभीर नहीं है और वह भेदभाव और दोयम दर्जे की नीति अपनाती है क्योंकि मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गरीब और परेशान लोगों के साथ ही कर्मचारियों के हितेषी भी रहे हैं तो
कर्मचारी संघ के श्री मोहन पीपल्र्दे ने कहा है कि मुख्यमंत्री हमारी मांग को संज्ञान में लेते हुए लगभग ढाई सौ कर्मचारियों को वो पुनः बहाली करेंगे। श्री पीपल्लेेदे ने कहा कि हम कर्मचारियों ने श्री मनोज गोविल प्रमुख सचिव वाणिज्य कर विभाग और कमिश्नर श्री राम चंद्र दुबे जी को भी अपनी परेशानियों परिस्थितियों सेेे अवगत करा है उन्होंने भी आश्वस्त किया है लेकिन चुकी सरकार चेंज हो गई है इसलिए अभी कार्यवाही ठंडे बस्तेे में पड़ी हुई है लेकिन याा हमारा परिवार किन परिस्थितियों से गुजर रहा है यह आप समझ सकते हैं
हम लोग हमारे परिवार की व्यवस्था बहुत ही दयनीय है ।मुख्यमंत्री से मैं पुन: आग्रह करता हूं कि वह आबकारी विभाग के आदिवासी उपयोजना के इन वंचित कर्मचारियों को तुरंत शीघ्र अति शीघ्र बहाल कर उनके परिवारों को भूखे मरने की कगार से बचाएं।
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