क्या विश्व में तीसरे विश्व युद्ध की आहट आ रही है, बड़े देश एक दूसरे पर लगे हैं आरोप लगाने

 विश्व भर में फैली हुई कोरोना महामारी की लड़ाई तीसरे विश्वयुद्ध की ओर विश्व को ले जा रही है मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक विश्व के बड़े देश एक दूसरे पर आरोप लगाना रहे हैं इन आरोपों के मुताबिक रूस ने अपने टीवी चैनलों पर अमेरिका के सीआईए को दोषी ठहराया है उन्होंने आरोप लगाया है कि रूस द्वारा चैनलों पर जो कार्यक्रम किए जा रहे हैं उसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि कोरोनावायरस दरअसल यूरोप और अमेरिका की बड़ी दवा कंपनियों और अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए की मिली जुली साजिश है वायरस को अमेरिकी लैब में विकसित किया गया और ऐसे पूरी दुनिया में फैलाया गया है। वही इस वायरस को लेकर दुनिया भर में यह चर्चा जारी है कि अमेरिका चीन की प्रयोगशाला में इसे विकसित किया गया है वही चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता   जाओ ले जियान 16 मार्च को ट्वीट कर कहा था कि अक्टूबर में वहां शहर में विश्व सेन खेल हुए थे तभी अमेरिकी सैनिकों की टीम ने साजिश के तहत इस वायरस को उस शहर में प्लांट किया था उसके बाद से ही कोरोना वायरस की बीमारी मोहन में फैलने लगी। वहीं ब्रिटेन सरकार  की खुफिया सूचना मिली है कि वायरस का संक्रमण पहले चीनी लैब में जानवरों में हुआ और उसके इंसानों में फैलाया गया वही डेली मेल के अनुसार प्रधानमंत्री बारिश जॉनसन द्वारा गठित आपात आयोग कोबरा के ऐप सदस्य ने उसकी पुष्टि भी की है । कोरोना वायरस केस्को राम के बीच पूरी दुनिया के बड़े देश इसकी वैक्सीन को बनाने में झाग जुटे हुए हैं और अपने अपने देशों को बचाने में लगे हैं वही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला बदस्तूर जारी है। शक के दायरे में सबसे ज्यादा चीन ही आ रहा है क्योंकि चीन के बड़े शहर बीजिंग और शंघाई कोरोना वायरस से पूरी तरह बचे हुए वही उसके छोटे और दूसरे शहर संक्रमण पीड़ितों के साथ ही वहां के लोग मरे हैं देखना यह है कि यह वायरस जैविक हथियार के रूप में चीन अमेरिका या किसी और देश में बनाए हैं या फिर यह कोई ऐसा केमिकल है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कोरोना वायरस फैला सकता है इस कोरोनावायरस की विशेषता यह है कि पहले यह मुंह और नाक के द्वारा गले में बैठता है और ऑक्सीजन की कमी करता है तीन-चार दिन गले में रहने के बाद यह मनुष्य के शरीर के फेफड़ों में अटैक करता है जिससे हफ्ते 15 दिन में उसकी मृत्यु सुनिश्चित हो जाती है। पूरी दुनिया के लोग खासतौर से डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मी सफाई कर्मी और पुलिस प्रशासन इसको रोकने में जी जान एक करे हुए हैं बताया जाता है कि संक्रमण एक दूसरे से फैलने की वजह भीड़ का होना है वही  इसकी कड़ी को तोड़कर ही इसको रोका जा सकता है पूरी दुनिया के वैज्ञानिको डॉक्टर इसकी रोकथाम के लिए नित्य नए-नए प्रयोग करने में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक कोई ठोस दवाई या वैक्सीन अभी तक किसी   भी देश ने नहीं बनाई है विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए फिलहाल प्रत्येक मनुष्य को अपनी प्रतिरोधक क्षमता जहां बढ़ाना चाहिए वही गर्म पानी का इस्तेमाल उनको बार-बार करना चाहिए। तथा उन्हें अपने अपने घरों में रहना चाहिए तभी इस पर काबू पाया जा सकता है अन्यथा इसके भीषण परिणाम पूरी दुनिया को देखने को मिलेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की खबरों तथा सोशल मीडिया की जानकारियों के हिसाब से तीसरे विश्वयुद्ध की आहट साफ नजर आ रही है। अब देखना यह है कि दुनिया के बड़े देश जो अपनी दादागिरी दुनिया पर कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं आने वाले दिनों में उनका काम और कार्यप्रणाली क्या रहती है क्योंकि यह मुद्दा बहुत ही गंभीर और दुनिया को मुश्किलों में डालने वाला है इससे लगता है कि आने वाले दिनों में राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन पूर्ण रूप से दुनिया में देखे जाएंगे। दुनिया के बड़े देशों को खासतौर से अमेरिका रूस भारत ब्रिटेन फ्रांस इटली और स्पेन को गंभीरता से इस साजिश का पर्दाफाश करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि दुनिया के बड़े देशों ने 18 बड़े देशों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना वायरस की लीडरशिप करने के लिए मनोनीत किया है अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस की लड़ाई में कितने सफल होते हैं और इससे जुड़े मुद्दों पर क्या काम करते हैं। भारत को विश्व गुरु बनने में इससे अच्छा बड़ा मौका आगे कभी नहीं मिल सकता यही मौका है जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी क्षमता का प्रदर्शन करना चाहिए।


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