क्या छोटे से बच्चे की भविष्यवाणी भी सच हो सकती है ?कोरोना वायरस पर की गई डेढ़ साल पूर्व ही भविष्यवाणी सच साबित हो रही है ,जाने अभिज्ञ आनंद की भविष्यवाणी की सच्चाई
बड़ी आश्चर्य की बात है कि आज सेेे लगभग डेढ़ साल पहले दक्षिण भारत के एक 14 साल के बच्चे ने कोरोना वायरस के बारे में बड़ी भविष्यवाणी की थी लेकिन यूट्यूब पर डाली गई उसकी वीडियो को
कुछ लोगों ने मजाक समझा था यदि उसके इस वीडियो और बात को गंभीरता से लिया जा सकता तो देश में ही नहीं पूरे विश्व में कोरोना वायरस की आज जो महामारी पूरे विश्व में हाहाकार मचा रही है उस पर कंट्रोल किया जा सकता था और पूर्व तैयारी भी कोरोना वायरस के खिलाफ विश्व के छोटे बड़े देश वैज्ञानिक बुद्धिजीवी कर सकते थे लेकिन छोटे से बच्चे की बात पर गौर न किया जाना आज पूरे विश्व को भारी पड़ रहा है चाहे वह अमेरिका हो रूस हो चीन हो भारत हो इटली हुए स्पेन हो जर्मन हो फ्रांस हो जो विश्व पर अपनी दादागिरी और हर उस चीज की ताकत का लोहा मनवाने में लगे रहते हैं आज एक जरा से कीटाणु की वजह से निहत्थे साबित हो रहे हैं और परेशान है किसी भी देश को यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करें क्या ना करें लाखो मौत होने के बाद भी अभी उससे बचाव की लड़ाई में ही लगे हुए हैं लेकिन कोई ठोस सफलता आज दिनांक तक किसी को नहीं मिल पाई है । इससे लगता है कि देश की ही नहीं विश्व की इंटेलीजेंस भी फेेेल रही है ,आखिर क्यों ? इसके उत्पादकर्ता् और फैलाने वाले की जानकारी अभी तक ठोस रूप में दुनिया के सामने नहीं रख पाई है । जिस बच्चे ने कोरोना वायरस की भविष्यवाणी की है उस बच्चे का नाम अभिज्ञ आनंद बताया जाता है बच्चे ने इसकी पूरी अक्षर शः एक एक बात अपने वीडियो में कही है और इससे बचने के उपाय भी बताए हैं जिनमें मंत्र हैं और भी कई चीजें हैं जैसे कर्मा पद्धति का प्रयोग बताया है इस बच्चे ने यह भी बताया है कि राम और कृष्ण के नाम का जीवहा उच्चारण भी कोरोना वायरस को हराने में साबित हो सकता है । श्री आनंद लें कोरोना वायरस की समय काल स्थितििपर बताया है कि कोरोना वायरस का अधिकतर प्रभाव 31 अप्रैल 2020 के बाद ज्यादा दिखाई देगा और यह प्रभाव सितंबर तक रहेगा इस अवधि से पूर्व पीड़ित और मौतों की संख्या से अधिक संख्या रहने की संभावना है सितंबर के बाद ही इससे कुछ हद तक निजात पाया जा सकता है इसके बावजूद भी यह अपना असर छोड़ता रहेगा । अतः भारत सरकार सहित विश्व के अन्य विकसित देशों को चाहिए कि वह छोटे से बच्चे की बात पर भी हो सके तो गौर करें और उसकी सत्यता पर गौर करें तथा आगे की कोरोनावायरस से लड़ाई को उसकी बातों का सदुपयोग करने की कोशिश करें ।
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