चलते सदन में फ्लोर टेस्ट कराने का राज्यपाल का फैसला सही -सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत फैसला ,,भाजपा -कांग्रेस की राजनीतिक जंग कोरोना के बीच भी जारी
मध्य प्रदेश में कांग्रेस- भाजपा के बीच चली सत्ता की लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना विस्तृत फैसला सुनाया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सोमवार को सुनाए इस फैसले में कहा है कि चलती हुई विधानसभा में राज्यपाल का फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश सही था और राज्यपाल के पास ये संवैधानिक अधिकार है कि वो चलते हुए सत्र में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दे सकते हैं। पीठ ने कहा कि टफ्लोर टेस्ट आवश्यक था क्योंकि सरकार बहुमत खो चुकी थी। राज्यपाल खुद कोई फैसला नहीं ले रहे थे बल्कि केवल फ्लोर टेस्ट करने को कह रहे थे। अदालत ने कांग्रेस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी के इस तर्क को खारिज कर दिया कि अगर सदन चल रहा हो तो राज्यपाल आदेश पारित नहीं कर सकते। पीठ ने कहा कि एक विधानसभा में दो तौर-तरीके होते हैं- अविश्वास प्रस्ताव या फ्लोर टेस्ट।इसमें राज्यपाल ने अनुच्छेद 356 के तहत शक्ति का प्रयोग किया है। पीठ ने कहा, " हमने संवैधानिक कानून और राज्यपालों की शक्तियों पर एक विस्तृत निर्णय दिया है।" पीठ ने कहा कि फ्लोर टेस्ट क्यों जरूरी है, इस पर एसआर बोम्मई मामले के बाद से कोई फैसला नहीं हुआ है। बोम्मई फैसले में कहा गया है कि विश्वास मत को एक विधानसभा में रखा जा सकता है। गौरतलब है कि जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने अदालत ने 19 मार्च को अतंरिम आदेश जारी करते हुए 20 मार्च की शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था। लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान ने अपनी सरकार बना ली। दरअसल मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच चल रही राजनीतिक लड़ाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत दस विधायकों ने याचिका दाखिल कर विधानसभा स्पीकर को तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश देने की मांग की थी। इस याचिका में कहा गया है कि राज्य में विधायकों की खरीद- फरोख्त जोरों पर है और ऐसे में तुरंत फ्लोर टेस्ट कराया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 12 घंटे में फ्लोर टेस्ट कराया जाना चाहिए। वहीं इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। मामले में 16 कांग्रेसी बागी विधायक भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे। दरअसल कोरोना की वजह से कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट से फिलहाल राहत मिल गई थी। स्पीकर ने मध्य प्रदेश विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया है जबकि राज्यपाल लालजी टंडन ने स्पीकर को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट के जरिए बहुमत परीक्षण कराने के लिए पत्र लिखा था। इस बीच स्पीकर ने कांग्रेस के छह विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था।
*मुख्यमंत्री अध्यक्षता में हुई उच्च-स्तरीय बैठक में -*
👉🏻 *_प्रदेश सरकार ने यह किया तय_*
_*1*. सभी जिलों में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा। जिलों के दो वर्ग होंगे। ए वर्ग में वे जिले होंगे जहां 14 अप्रैल तक एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं मिला है। वर्ग बी में वह जिलेे होंगे जहां पॉजिटिव केस मिल चुके हैं या 14 अप्रैल तक और मिलने की आशंका है।_
_ए वर्ग वाले जिलों में कुछ रियायतें दी जाएंगी।_
_बी वर्ग वाले जिलों में प्रतिबंध पूरी तरह से जारी रहेगा।_
_*2*. जिलों में चिह्नित किए गए हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में किसी भी तरह का मूवमेंट पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। यहां प्रशासन राशन और अन्य जरूरी सामान की व्यवस्था करेगा।_
_*3*. 30 अप्रैल तक प्रदेश में कहीं भी पांच से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध रहेेगा और धारा 144 लागू रहेगी।_
_*4*. 31 मई तक पूरे प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा और सोशल डिस्टेंसिंग की नीति भी इसी तारीख तक लागू रहेगी।__
_*6*. वर्ग बी के जिलों की सीमाएं सील रहेंगी और सामान का परिवहन भी जिलों की सीमा के अंदर नहीं होगा। वर्ग ए के जिलों में जिलाधिकारी की अनुमति से परिवहन में रियायत दी जा सकती है। वर्ग ए और वर्ग बी वाले जिलों के बीच कोई आवागमन नहीं होगा। वर्तमान में लागू पास मान्य होंगे। स्वास्थ्य परीक्षण आदि जारी रहेगा।_
_*7*. हॉटस्पॉट वाले इलाकों को छोड़कर जोखिम का आकलन कर डीएम निर्माण, औद्योगिक उत्पादन और खनन की अनुमति दे सकेंगे।_
_*8*. स्टांप एवं रजिट्रेशन की सभी जिलों में नियमों के अधीन अनुमति।_
👉🏻 *_ये भी हुआ तय_*
_*9*. *ये रहेंगे बंद* : होटल, धर्मशाला, होम स्टे, मॉल, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, जिम, रेस्टूरेंट, बार, धार्मिक संस्थान आदि बंद रहेंगे। जिलाधिकारी की अनुमति के बिना किसी कार्मिक या अन्य व्यक्ति को हटाया नहीं जाएगा।_
_*10*. हॉटस्पॉट को छोड़कर इनको रहेगी अनुुमति : खेती किसानी, बागवानी, मौन पालन, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन, कटाई बुवाई आदि को अनुमित रहेगी। राज्य की सीमा से बाहर और वर्ग बी वाले जिलों से श्रमिक नहीं लाए जा सकेंगे।_
_*11*. 15 मई तक प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।_
_*12*. अस्पतालों आदि को छोड़कर 15 मई तक प्रदेश मे एयर कंडीशनर के उपयोग पर भी रोक।_
_*13*. रियायत : वर्ग ए वाले जिलों के बीच सात बजे से लेकर एक बजे के बीच खुद के वाहनों से यात्रा हो सकेगी। वर्ग ए और वर्ग बी वाले जिलों के बीच वाहन नहीं चलेेंगे, केवल आवश्यक सामान की ढुलाई हो सकेगी।_
_*14*. वर्ग ए वाले जिलों सहित अगर कहीं कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आते हैं तो प्रतिबंध अधिक सख्त किए जाएंगे।_
_*15*. क्वारंटीन होने वालों को इधर-उधर आने-जाने की इजाजत नहीं होगी।_
_*16*. सभी निजी अस्पताल और अन्य चिकित्सीय संस्थाएं प्रदेश में खुली रहेंगी और सोशल डिस्टेंस नीति का पालन होगा।_
_*17*. सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मनरेगा को वर्ग ए जिलों में अनुमति होगी।_
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