हां मैं स्त्री हूं| समाज बदलने की ताकत रखती हूं |नारी एक रूप अनेक |विश्व महिला दिवस पर विशेष लेख

 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेश में ही नहीं पूरे विश्व में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है क्या महिला दिवस मनाना ही महिलाओं के प्रति आदर है और सम्मान है शायद नहीं सिर्फ आज ही क्यों प्रत्येक पल प्रत्येक दिन महिलाओं का आदर हर किसी को करना चाहिए महिलाओं का अनादर पुरुष ही नहीं महिलाएं भी कर रही है महिलाएं ही महिलाओं की दुश्मन बनी हुई है जिन्हें इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि नारी शक्ति वह है जो एक होते हुए भी उसके अनेक रूप हैं स्त्री एक रहस्य है। जिसे जानने के लिए ईश्वर ने भी इसकी कोख अर्थात गर्भ से इस धरती पर जन्म लिया है और उसके आशीर्वाद से ही राक्षसों का नाश कर देव बने हैं उनमें शक्ति का संचार शक्ति स्वरूपा मां ने ही किया है  इसको जानना और पहचानना जितना सरल है उतना ही बहुत मुश्किल भी है जो इसे जान जाता है वह अपने आपको इसके समक्ष नतमस्तक कर देता है और नतमस्तक करने में ही पुरुष की भलाई है। इसलिए ज्ञानियों ने कहा है कि "त्रिया चरित्रं पुरुषश भाग्यम; देवम न जानामि कुतौह मनुष्यष्यः' अर्थात स्त्री का चरित्र जीवन बहुत ही रहस्यमय है जिसे जब ईश्वर देव ही नहीं जान पाए तो मनुष्य की क्या मजाल है कि वह इसे समझ पाए और जान पाए? स्त्री प्रारंभ से ही सबला है उसे किसी पुरुष की ताकत की आवश्यकता नहीं है बशर्ते वह अपने चरित्र पर अडिग रहे? स्त्री और जल दोनों ही इस प्रकृति संसार में निर्दोष हैं इन दोनों में किसी भी प्रकार का दोष नहीं है। प्रकृति ही स्त्री है इसका स्वरूप रूप विकराल है यह आदि भी है और अनादि भी है ,यह शक्ति स्वरूपा भी है और प्रेम करुणा दया भावी भी है ,यह क्रोध भी है अँँत अनंत भी है ,शिव शक्ति भी है और सती भी है ,इसलिए प्रकृति के अधिकतर नामों में स्त्री ही स्त्री नाम है चाहे नदियों के नाम, फूलों के नाम, बच्चियों के नाम ,पेड़ पौधों के नाम हो. सभी स्त्रीलिंग पर आधारित -निर्धारित हैं ! नदियों में जैसे गंगा जमुना सरस्वती नर्मदा पार्वती ताप्ती गोदावरी कृष्णा रावी मंदाकिनी आदि प्रमुख रूप से हैं वहीं फूलों के नाम अश्वगंधा चंपा चमेली गुलाब रातरानी गेंदा चांदनी सदा सुहागन तुलसी आदि हैं ! वही जब स्त्रियों के नाम रखे जाते हैं तो उन्हें सीता देवी सरस्वती देवी पार्वती देवी उमा देवी दुर्गा देवी आदि से संबोधित किया जाता है वहीं पुरुषों के नाम के पूर्व भी स्त्रीलिंग का ही उपयोग होता है जिससे स्त्री पुरुष संग नाम पहचान का उल्लेख होता है जैसे सीताराम राधेश्याम उमाशंकर गौरीशंकर तुलसीराम गायत्री प्रसाद  गया प्रसाद गया राम गोवर्धन शोभाराम लक्ष्मीनारायण शारदा प्रसाद लक्ष्मी नारायण आदि कई ऐसे नाम है प्रकृति की अधिकतर चीजों में स्त्री शब्दों का ही उपयोग मिलता है ! वैसे आधुनिक काल में अब नामों को एक नई डिजाइन के साथ माता पिता रखते हैं लेकिन आदि अनादि काल से देखा जाए तो स्त्रीलिंग नामों का उपयोग प्रकृति की अधिकतर वस्तुओं पर चीजों पर आपको नजर आएगा ऐसे नाम आपके आसपास भी हैं और संसार में भी हैं। women is eight time   ago to man  in all field पुरुष अपनी मर्यादा में और स्त्री अपने चरित्र पर अगर अडिग रहे तो संसार में तकलीफों का नामोनिशान नहीं हो सकता क्योंकि स्त्री संस्कृति है स्त्री संस्कार है स्त्री प्यार है स्त्री परिवार है स्त्री वह सब कुछ है जिसने ही संसार की रचना की है जो पालती है दुलारती है खिलाती है पिलाती है और ऐसे पुरुषों का निर्माण करती है जो संसार को नई दिशा देते हैं जब राक्षस जनमानस को प्रताड़ित और परेशान करते हैं तब एक सदचरित्र नारी  अपने गर्भ से राक्षसों का नाश करने वाले नर को जन्म देती है जन्म के उपरांत ही वह शिशु काल से ही अपनी शक्ति के द्वारा उससे वह वे कार्य कराती है जिससे राक्षसों का विनाश सुनिश्चित होता है। इसके प्रमाणिक उदाहरण हैं मां  देवकी ने भगवान श्री कृष्ण और मां कौशल्या ने श्री राम वही मां जीजाबाई ने छत्रपति शिवाजी जैसे नरों को उत्पन्न कर उनको शक्तियां देकर एक नए इतिहास को रचने के लिए जन्म दिया। मातृशक्ति का इस संसार में कोई तोड़ नहीं है वर्तमान समय में जो प्रक्रिया चल रही है जिससे समाज दूषित होता जा रहा है महिलाओं को चाहिए कि वह स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार समाज को भी सू संस्कारित करें और अपने परिवार को संस्कारवान बनाकर संभाले । तभी विश्व महिला दिवस की सार्थकता सच साबित होगी। लेखक सभी महिलाओं को स सम्मानित विश्व महिला दिवस पर अपनी ओर से जग कल्याण की कामना के साथ कोटि-कोटि शुभकामनाएं देता है।हे पंच रूपा जननी तुझे सादर प्रणनाम 
नमन हैं तेरे पांच रूपों को जो लेतीं तू आठ पहरो में 
तू ममता मयी माता तू बहन बनकर दुलारती 
तू ही भार्या बनकर सवारती तू ही लक्ष्मी बनकर पीढ़ा हरती 
तू ही काली बनकर कालों संघारती हे जन्म दात्री तुझे मेरा शत शत शत नमन 
सभी मात्रशक्तियों को नमन एंव विश्वमहिला दिवस कि बहुत बहुत शुभकामनाएँ


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