भाजपा के ऑपरेशन लोटस में भाजपा के नेता और कांग्रेस के नेता विधायक हुए लोटपोट । राज्यसभा चुनाव और सत्ता हासिल के लिए घमासान

मध्य प्रदेश से दिल्ली तक कांग्रेश के विधायकों और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेताओं के बीच जो रस्साकशी सरकार बनाने और गिराने में चल रही है उसका पटाक्षेप हुआ कि नहीं यह तो समय के गर्त में है लेकिन कांग्रेश को आत्ममंथन करना होगा क्योंकि उसके समर्थक 10 विधायक दिल्ली क्यों कब और कैसे पहुंचे जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप भारतीय जनता पार्टी पर लगाया और यह ड्रामा 48 घंटे तक बदस्तूर जारी रहा। कांग्रेश सहित बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी व निर्दलीय विधायक जो लगभग 10 की संख्या में थे उनमें से 6 कांग्रेश की ओर वापस आ गए हैं मगर चार विधायक अभी भी संशय की स्थिति में है जिससे आने वाले राज्यसभा चुनाव में असर पड़ने का अंदेशा अभी भी बरकरार है कांग्रेसका आरोप भारतीय जनता पार्टी  अलोकतांत्रिक तरीके से सत्ता पर काबिज होना चाहती है यह तीसरी बार ऐसा घटनाक्रम हुआ है कांगरे सरकार बनने के बाद पहले सौ करोड़ का विधायकों को ऑफर फिर 500000000 और मंत्री पद का ऑफर और आप पुनः तीसरी बार 33 करोड़ मंत्री पद का ऑफर देने के आरोप विधायक होने लगाएं है बड़ी अजीबो-गरीब स्थिति है कि जब कांग्रेस के पास भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बातचीत के वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग है तो क्यों ना एफ आई आर दर्ज कर रही है क्योंकि विधायकों का खरीद-फरोख्त करना छोटा-मोटा गुनाह नहीं है क्योंकि जो विधायक जनप्रतिनिधि चुनकर आते हैं उन्हें जनता इतनी ताकत उनमें निहित कर देती है वह जनसेवक होते हैं लेकिन जो यह खरीद पर उसके कार्रवाई होती है उससे जनता का विश्वास पैदा होता है और जनप्रतिनिधि कटघरे में खड़े हो जाते हैं। अभी फिलहाल इस घटनाक्रम कर निकल कर आ रहा है कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में राज्यसभा की 3 सीटों को लेकर यह घमासान चल रहा था जिसका आंशिक पटाखे हो चुका है लेकिन पता तभी चलेगा जिस वक्त राज्यसभा की सीटों के लिए विधायकों द्वारा मत डाले जाएंगे। सीटों के मुताबिक कांग्रेस को 2 सीट और भारतीय जनता पार्टी को 1 सीट प्राप्त होती दिख रही है लेकिन भारतीय जनता पार्टी का प्रयास है कि उनकी 2 सीटें राज्यसभा में और बढ़ जाएं। समय रहते प्रदेश कांग्रेश अपने घर को संभाल लेती है तो तो सब ठीक रहेगा यदि ऐसा नहीं कर पाई तो राज्यसभा भी जाएगी और सरकार भी गिरने की संभावना व्याप्त है। क्योंकि जनमानस में कांग्रेश की कार्यशैली को लेकर जो संदेश जा रहा है वह प्रदेश में ठीक नहीं है। क्योंकि प्रदेश सरकार और पार्टी का जो असंतोष है वह बहुत विकराल है मंत्रियों पर जहां अफसरशाही भारी है वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता सस्ता से नाखुश हैं जो किसी से छुपा नहीं है यह पार्टी के वरिष्ठ नेता भी अच्छी तरह से जानते हैं क्योंकि उन्होंने कांगरे सरकार बनाने में जो मेहनत और लड़ाई लड़ी है उसका उन्हें प्रतिफल चाहिए। पार्टी के ही मंत्री जब अपने कार्यकर्ताओं की और नेताओं की नहीं सुन रहे हैं और ना ही समझ रहे हैं तो यह कुछ तो गुल खिला कर रहेगा क्योंकि राज्यसभा के बाद ही नगर निगम नगर पालिका और नगर पंचायत पंचायतों का चुनाव होने वाला है जिसमें भारतीय जनता पार्टी के जमीनी  मजबूत संगठन से कांग्रेस को टकराना होगा यदि राज्यसभा के चुनाव और नगरी निगम और निकायों के चुनाव में कांग्रेसी कमजोर साबित होती है तो सरकार भी खतरे में आ जाएगी ऐसा विशेषज्ञों का मानना है। समय रहते संभल ना ही कांग्रेसी सत्ता और संगठन को श्रेष्ठ कर रहेगा। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जहां सड़क पर उतरने की बात कर रहे हैं वहीं विधायक और श्री दिग्विजय सिंह के अनुज लक्ष्मण सिंह भी पार्टी की कार्यशैली पर अपना विरोध जता रहे दूसरे स्वर्गीय अर्जुन सिंह जी पुत्र श्री राहुल सिंह अजय भैया बी यह कह चुके हैं कि जब मेरी ही लोग नहीं सुन रहे हैं पार्टी में तो मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं कार्यकर्ता भी नाराज चल रहे हैं इतनी नाराजगी क्यों का भुगतान भविष्य में प्रदेश सरकार और संगठन को भुगतना पड़ सकता है।


मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया, इस विधायक के गनमैन ने दिल्ली रवाना होते समय एक फोन किया था और इसी फोन से दिल्ली में विधायकों के इकट्ठा होने की खबर लीक हो गई। इस वजह से कांग्रेस को वक्त मिल गया और समय रहते मंत्री जीतू पटवारी व जयवर्धन सिंह दिल्ली पहुंच गए।


मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया, इस विधायक के गनमैन ने दिल्ली रवाना होते समय एक फोन किया था और इसी फोन से दिल्ली में विधायकों के इकट्ठा होने की खबर लीक हो गई। इस वजह से कांग्रेस को वक्त मिल गया और समय रहते मंत्री जीतू पटवारी व जयवर्धन सिंह दिल्ली पहुंच गए। बताया जा रहा है कि दिल्ली में मंगलवार को एमपी सरकार से जुड़े 12 विधायकों को आना पहुंचना था जिनमें से 10 पहुंच गए। 


 


राज्यसभा चुनाव से पहले सरकार गिराने का था प्लान! 
इन विधायकों की मुलाकात बुधवार को बीजेपी के बड़े नेताओं से होनी थी। इस पूरे सियासी ड्रामे के पीछे कहा गया कि अगर 10 विधायक सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से पहले ही सरकार गिर जाएगी। यह भी बताया गया कि दिल्ली में दो जगह और बेंगलुरु में एक जगह इन विधायकों को रुकना था। कर्नाटक में सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को मध्य प्रदेश के विधायकों को संभालने का जिम्मा सौंपा गया था। 


6 विधायक लौटे, 4 लापता 
छह विधायक जो वापस लौट आए उनमें समाजवादी पार्टी के राजेश शुक्ला (बब्लू), बीएसपी के संजीव सिंह कुशवाह, कांग्रेस के ऐंदल सिंह कंसाना, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव और बीएसपी से निष्काषित रामबाई शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चार विधायक कांग्रेस के बिसाहूलाल, हरदीप सिंह डंग, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा की लोकेशन नहीं मिल रही है। बुधवार को दिग्विजय ने कहा था कि बीजेपी ने इन चारों विधायकों को जबरन गुड़गांव से बेंगलुरु शिफ्ट किया है।


दिग्विजय ने किया था सनसनीखेज दावा 
बता दें कि दिग्विजय ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर आरोप लगाया कि बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह विधायक रामबाई (बीएसपी से निलंबित) को अपने साथ चार्टर्ड प्लेन से लेकर दिल्ली पहुंचे थे। इसके बाद शाम को बीजेपी उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंचे तो हलचल और तेज हो गई। नरोत्तम यहां पहले से ही मौजूद थे। विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में ठहराया गया था। इसकी खबर मिलते ही मंत्री पटवारी और जयवर्धन दिल्ली पहुंचे। दिग्विजय भी रात को होटल गए लेकिन उन्हें वहां कोई नहीं मिला। कमलनाथ भी देर रात कर दिल्ली में मौजूद विधायकों से संपर्क साधते रहे। 


कांग्रेस ने अपने विधायकों को जारी किया विप 
इससे पहले मध्य प्रदेश में विधायकों के टूटने के डर से कांग्रेस ने अपने 114 विधायकों को विप जारी किया था। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह ने कहा था, ‘हम अपने विधायकों को एक विप जारी करने जा रहे हैं यदि हमारे किसी भी विधायक ने इसका उल्लंघन किया तो उसकी सदस्यता एक घंटे में समाप्त कर दी जाएगी।’


सिंधिया और दिग्विजय को राज्यसभा भेज सकती है कांग्रेस 
उन्होंने बताया कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि लोकसभा चुनावों में भोपाल सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर से चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह एक दफा फिर से राज्यसभा में जाना चाहेंगे। 


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