बायोलॉजिकल जैविक हथियार चीन के द्वारा फैलाए गए कोरोना वायरस की जांच तथा विश्व के प्रमुख देश करे प्रतिबंधात्मक कारवाई

पूरी दुनिया में फैले कोरोनावायरस के मसले पर पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर कोरोना वायरस को फैलाने के संबंध में आरोप लगाया था लेकिन अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने थोड़े ही समय में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत के बाद अपने स्वर क्यों बदल लिए यह एक सोचनीय प्रश्न है ज्ञात हो कि कोरोना वायरस की शुरूआत चीन के वुहान क्षेत्र से ही शुरू हुई है और इतने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है 650000 से ज्यादा कोरोनावायरस पॉजिटिव विभिन्न देशों में जहां मिले हैं वहीं इससे अभी तक लगभग एक लाख से ऊपर लोगों की मृत्यु हो चुकी है यह आंकड़े दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं। चीन का इतिहास रहा है कि वह हमेशा धोखे की राजनीति करता है और वह करता चला आ रहा है दुनिया की जनसंख्या जैसे-जैसे बढ़ रही थी वैसे वैसे चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए वह सारे उपाय किए हैं जो दुनिया के सामने है भारत के साथ उसके संबंध कभी भी सुधारात्मक और मजबूत नहीं रहे चीन ने हिंदी चीनी भाई भाई बोल कर भारत को हमेशा धोखा ही दिया है। संयुक्त राष्ट्र परिषद में भारत की सदस्यता को लेकर भी उसने जहां विरोध किया है वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ मिलकर आतंकवादी हाफिज मसूद को भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित होने से विश्व स्तर पर भारत का विरोध ही किया है। याद हो 1965 में भारत के साथ हुए युद्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा चीन को नाकों चने चबा दिए थे। कुछ वर्ष पूर्व जब चीन के बीजिंग में हजारों युवाओं ने चीन के खिलाफ आवाज उठाई थी तो चीन ने अपने ही लगभग 14000 युवाओं को मौत के घाट उतार दिया था जो देश अपने युवाओं का ही नहीं हुआ वह देश दूसरे देशों का क्या होगा? ऐसा क्या हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चर्चा के बाद अपने सुर बदल दिए हैं और Corona वायरस पर चीन के द्वारा काबू पाए जाने पर उसकी तारीफों के पुल बांध दिए  है। चीन इस वक्त संदेह के  दायरे से बच नहीं सकता क्योंकि कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान क्षेत्र से ही शुरु हुई है और इसकी चपेट में दुनिया के लगभग 196 देश आज चुके हैं अमेरिका में भी एक लाख से ज्यादा कोरोना वायरस पॉजिटिव लोग पाए गए हैं दुनिया के अधिकतर देशों ने अपने यहां लॉक डाउन किया हुआ है लेकिन अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है जिसने गंभीरता को ना समझते हुए अपने यहां लॉक डाउन नहीं किया है यह भी एक सवाल खड़ा करता है । बड़ी अजीब बात है कि चीन बौद्ध धर्म का   अनुयाई है गौतम बुद्ध सिद्धार्थ  ने दुनिया को प्रेम शांति अहिंसा का संदेश जहां दिया है वहां चीन के कृत्य दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं यह चीज समझ में नहीं आ रही है कि चीन ने जैविक बायोलॉजिकल हथियार का उपयोग क्यों और किसके लिए किया है क्या दुनिया को अपनी मुट्ठी में करना चाहता है या फिर दुनिया को अपनी ताकत दिखाना चाहता है यह एक जांच का विषय है कोरोना वायरस से पीड़ित सभी देशों को चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जाना चाहिए जिससे उसकी हकीकत दुनिया के सामने आ सके बड़ी चालाकी से चीन ने प्राकृतिक जैविक हथियार का उपयोग जो किया है उससे बचने की कोशिश कर रहा है एक उल्लेखनीय बात यह भी है कि  जिस डॉक्टर ने  कोरोना वायरस के बारे में उद्घाटन किया था  उसको  तीसरे ही दिन मौत के मुंह में धकेल दिया गया । जिस की भी जांच अमेरिका सहित दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ग्रुपों को जांच करना चाहिए तथा चाइना  से व्यापारिक और राजनीतिक संबंध खत्म कर प्रतिबंध लगाना चाहिए। चीन पर प्रतिबंधात्मक कारवाई किया जाना पूरी वैश्विक जाति को सुरक्षित रखने के लिए बहुत जरूरी है।


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