अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं ने खोला मोर्चा ,सीटू के आह्वान पर राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में आज होंगी महिलाएं शामिल

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में 6 मार्च को महिलाओं की देशव्यापी जेल भरो आंदोलन राजधानी के नीलम पार्क में होने वाला है महिलाओं पर हिंसा कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न आर्थिक शोषण व सामाजिक उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस जिला समिति भोपाल और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन भोपाल आशा उषा सहयोगिनी एकता यूनियन भोपाल द्वारा किया जा रहा है इस आंदोलन का प्रमुख उद्देश्य सभी को रोजगार महिलाओं के अवैतनिक कार्य को सिक्योरिटी सभी महिला श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन और पुरुषों के समान वेतन योजना कर्मियों आंगनवाड़ी आशा ऊषा मध्यान्ह भोजन कर्मी आदि को श्रमिकों के रूप में स्वीकृति सभी कानूनी प्रावधान जैसे कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न विवरण समिति झूला घर आदि की सुविधा लागू हो महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार और हिंसा बंद हो दोषियों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित की जाए तथा सभी निर्वाचित निकायों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण सुनिश्चित किया जाए इन सभी मांगों को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है आज देश में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का वेतन ग्रामीण क्षेत्रों में 34% कम है और शहरी क्षेत्रों में यह 19% कम है महिला व पुरुष कामगारों के वेतन में अंतर पूरी दुनिया में अपेक्षा भारत में सबसे ज्यादा है आम धारणा के विपरीत यह अंतर जितनी योग्यता और इसका हो उतना ही बढ़ता जा रहा है महिला श्रमिकों के भारी बहुमत विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र में जहां वे सबसे अधिक हैं को मातृत्व लाभ और क्रेट झूला घर की सुविधा नहीं मिलती है उन पर रात पाली का काम सौंपा जा रहा है भाजपा सरकार ने काम में महिला पुरुष की समानता के नाम पर जमीन के नीचे के खदानों के कार्य में महिलाओं को रखने की अनुमति देते हुए खदान अधिनियम में संशोधन कर दिया है योजना कर्मी जैसे आंगनवाड़ी आशा ऊषा कर्मी आदि को ना तो न्यूनतम वेतनमान दिया जा रहा है ना कर्मचारियों के तौर पर मान्यता ही दी जा रही है पर उनसे हर वह काम कराया जाता है जो स्थाई सरकारी कर्मचारियों के काम होते हैं दूसरी ओर इतने वेतन पर संहिता कोर्ट के जरिए समान वेतन अधिनियम को रद्द कर दिया है और महिलाओं के लिए भर्ती शिक्षण और पदोन्नति में समानता की निगरानी के पूरे तंत्र को ही हटा दिया गया है आज स्थिति इतनी खराब है कि गन्ने की कटाई करने वाली महिलाओं को उनके बच्चेदानी निकालने की सर्जरी के लिए मजबूर किया जा रहा है तथा कपड़ा श्रमिक महिलाओं को उनकी जानकारी के बगैर मासिक धर्म को आगे बढ़ाने के लिए गोलियां दी जा रही हैं इससे पता चलता है कि नियुक्त वर्ग अपने मुनाफे को अधिकतम करने के लिए बगैर महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति किसी चिंता के किस हद तक जा सकता है यदि पूंजीवादी व्यवस्था का सच यह है तो यह महिलाओं को बर्दाश्त नहीं है। इन्हीं बातों को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है महिलाओं की समानता के लिए संघर्ष और सामाजिक उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए सीटू ने राष्ट्रीय आव्हान किया है कि क्योंकि 8 मार्च इतवार रविवार का दिन है 6 मार्च 2020 को महिला दिवस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला जेल भरो आंदोलन आयोजित किया गया है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के अधिकारों और शोषणकारी पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ जंगी संघर्ष की परंपरा को आगे बढ़ाने का दिन है।


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