शिल्प कला के जादूगर रॉबिन डेविड की प्रदर्शनी रविंद्र भवन में चल रही है कालिदास सम्मान प्राप्त

 राजधानी भोपाल में शिल्पकार रॉबिन डेविड की कलाकृतियों की बेहतरीन प्रदर्शनी स्थानीय रविंद्र भवन में पिछले 5 दिनों से लगी हुई है इस प्रदर्शनी में बेहतरीन कला का प्रदर्शन कलाकार श्री डेविड द्वारा किया गया है श्री डेविड ने बताया कि पिछले 40 सालों से मैं संगमरमर ग्रेनाइट और भी कई पत्थरों पर अपनी कलाकृतियां ओके रहा हूं इन कलाकृतियों में पुरातन इमारतों एवं संगीत से जुड़ी हुई बीना और भी कई तरह की थीम को लेकर कार्य कर रहा हूं मेरी अभी तक 21 प्रदर्शनी या देश और विश्व सहित लग चुकी है यह मेरी भोपाल में पांचवी प्रदर्शनी है जिसको आयोजित किया गया है वहीं उन्होंने बताया कि यह मूर्तियां बहुत ही कीमती है जिनकी शुरुआत लागत कम से कम ₹200000 एक पर खर्च होती है क्योंकि यह संगमरमर और ग्रेनाइट खतरों के तराश कर बनाई जाती हैं मुंबई दिल्ली बेंगलुरु और विदेशों में इनकी मांग है क्योंकि भोपाल में अभी इतना बाजार या कलाकृति के प्रति आकर्षण करने वाले लोग हैं लेकिन खरीदार नहीं है कला की तो कीमत होती है अभी भोपाल में कोई विश्वास नहीं है लेकिन फिर भी मेरी कोशिश है कि मेरी कला को आगे बढ़ाओ और इसी उद्देश्य मैंने यहां पर प्रदर्शनी लगाई है मुझे शिल्प कला के लिए कालिदास सम्मान प्राप्त हुआ है उसी को आधार मानकर मैंने इस प्रदर्शनी का आयोजन किया है जिसको देख कर लो मेरी बहुत तारीफ जहां कर रहे हैं वही वह मेरा हौसला बुलंद कर रहे हैं जिसके लिए मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं श्री रावण डेविड ने आ गई है अभी बताया कि कला एक जीवन जीने का माध्यम है और कला से मुझे संतुष्टि मिलती है मेरा कार्य बेहतर है या नहीं है यह तो पार्टियों को ही पता होगा लेकिन कुछ करने की तमन्ना होने की वजह से मैं बचपन से ही इस कला की ओर आकृष्ट हुआ मेरा बचपन ग्वालियर की गलियों में गुजरा और अब मैं भोपाल में हूं ! श्रीदेवी ने आगे बताया कि मेरी शिक्षा ग्वालियर में हुई है और मैंने ग्वालियर से ही फाइन आर्ट में  योग्यता हासिल की है  मैं शिल्प कला  व्यापार के लिए ही नहीं आत्मिक संतुष्टि और शांति के लिए करता हूं  जिस पर मैं अग्रसर हूं  नवोदित शिल्प कारों के लिए उन्होंने संदेश दिया कि  वह अपनी कला से कभी समझौता ना करें और स्वयं को आगे रखकर ही निर्णय लें  वहीं उन्होंने बताया कि  कला जीवन जीने की एक बेहतरीन शैली है  जिस पर सभी कलाकारों को ध्यान दिया जाना चाहिए ।


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