हिंदी लेखिकाओं को सरल और सार्थक बाल साहित्य लिखना चाहिए डॉक्टर संतोष चौबे हिंदी लेखिका संघ का 25 रजत जयंती एवं सम्मान समारोह संपन्न
राजधानी भोपाल के हिंदी भवन में हिंदी लेखिका संघ का वार्षिक सम्मान एवं रजत जयंती समारोह हुआ इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मैं लेखिका संघ की गोष्ठियों के लिए कोई स्थाई जगह उपलब्ध करवाने का प्रयास करूंगा नई तकनीक का इस्तेमाल कर लेखिका अच्छा काम कर रही हैं विशिष्ट अतिथि डॉ संतोष चौबे ने कहा कि आजकल हिंदी साहित्य के क्षेत्र में बहुत सारी महिलाओं ने लिखना शुरू किया है तकनीकी और सामाजिक अनुभव से स्त्री सतनता का आगाज हुआ है वही बाल साहित्य के क्षेत्र में लेखिकाओं ने सार्थक पहल कर उम्दा किस्म का साहित्य बच्चों को उपलब्ध कराया है उन्होंने बताया कि हिंदी वैश्विक रूप में स्वीकार की जाने वाली भाषा जहां बन गई है वही हमारा कंपटीशन अंग्रेजी भाषा से नहीं है हमारे समतुल्य स्पेनिश फ्रेंच भाषाएं पूरे विश्व में बोली जाती हैं और लिखी जाती हैं टेक्नोलॉजी का उपयोग कर बेहतरीन तरीके से ऑडियो बुक तैयार कर सकते हैं जिससे बच्चों को उम्दा साहित्य मिल सके हिंदी साहित्य को आदर्शवाद ने मार डाला है वही बाल साहित्य में सौंदर्य नहीं डाला है जिसको डालना चाहिए फ्रांस में 3000 महिलाएं आत्मकथाएं लिखती हैं और इन आत्मकथा ओं से ही बच्चों और परिवार का बोध होता है कि वह अपने जीवन में कैसा कर रहे हैं वह कैसा उन्हें करना चाहिए जिससे एक व्यवहारिक और सरल जिंदगी को जीने का मौका मिलता है उन्होंने आगे बताया कि अभी हमने देश रंग प्रदेश रंग का आयोजन किया है और हम 2020 में विश्व रंग का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करने की कोशिश कर रहे हैं मुझे 50 देशों से आमंत्रण मिला है और इसकी आगे रूपरेखा मेरे द्वारा तैयार की जा रही है इस अवसर पर लेखिका संघ की वार्षिक पत्रिका सर्जना का विमोचन जहां हुआ वहीं इसे अमृता प्रीतम को समर्पित किया गया इसके साथ ही लघु कथा के लिए समर्पित पत्रिका लघुकथा गवाक्ष का भी विमोचन हुआ हिंदी लेखिका संघ की प्रांत अध्यक्ष अनीता सक्सेना ने बताया कि समारोह में 26 पुरस्कार और 25 सम्मान दिए गए हैं जिनमें डॉक्टर फिरोजा मुजफ्फर सेवा सम्मान आशा सुनना कपूर डॉ सुशीला कपूर हिंदी सेवी सम्मान मीरा अय्यर को प्रभा वड़सरिया सारस्वत समग्र साहित्य पुरस्कार डॉक्टर माया दुबे को उपन्यास विधा में अंता जोगलेकर गुड़गांव को श्यामलाल सोनी स्मृति पुरस्कार चंचला दवे को उमा देवी पटेरिया स्मृति पुरस्कार उषा सक्सेना को अंजना मगरे स्मृति पुरस्कार बिंदु त्रिपाठी को प्रेम नारायण विजयवर्गी स्मृति पुरस्कार डॉक्टर इला घोष को चंद्रावती राघव स्मृति पुरस्कार डॉ अनीता चौहान को ब्रह्म दत्त तिवारी स्मृति पुरस्कार डॉ राजश्री रावत राज को गिरजापति देवी स्मृति पुरस्कार जय प्रभा यादव को साहित्य श्री पुरस्कार प्रेमशिला सिंह को लक्ष्मी सक्सेना स्मृति पुरस्कार महिमा श्रीवास्तव वर्मा को सुशीला जिनेश स्मृति पुरस्कार मनजीत कौर मीत को दिया गया हिंदी भवन में कई कवियों की रचनाओं को दीवारों पर सजाया गया था।
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