आदिवासी राष्ट्रीय अधिवेशन में राजाओं की उपस्थित नाकाफी रही और ना कोई मुख्यमंत्री आए
भोपाल के स्थानीय रविंद्र भवन के मुक्ताकाश मंच पर अखिल भारतीय राजगोंड महासभा कर दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन समाप्त हुआ इस सम्मेलन में 18 बिंदुओं पर चर्चा जहां हुई वही इस कार्यक्रम में वर्तमान कांग्रेस सरकार के आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम कल उपस्थित हुए वहीं आज भारतीय जनता पार्टी सरकार के पूर्व मंत्री विजय शाह मकड़ाई रियासत आज उपस्थित हुए इस दौरान राज गोंड महासभा में 18 बिंदुओं पर चर्चा हुई इस चर्चा का निष्कर्ष अभी स्पष्ट नहीं है क्योंकि इस कार्यक्रम में भारत की पूर्व की 258 रियासतों के राज प्रतिनिधि उपस्थित होने वाले थे वही पांच राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित होने वाले थे लेकिन इस कार्यक्रम में राजाओं सहित मुख्यमंत्रियों की अनुपस्थिति कार्यक्रम के उद्देश्य को लेकर अधूरी साबित हुई इस महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नील करण राज ठाकुर सहित पूरे देश के आदिवासी राजाओं में एक दर्जन राजघरानों के लोग शामिल हुए 7 फरवरी की सभा के उपरांत आज 8 फरवरी को आदिवासी राजघरानों की संख्या और आदिवासी प्रतिनिधि आधी संख्या में रहे जिससे ऐसा लगता है कि आदिवासी राजगोंड समाज के राजा आदिवासियों के विकास को लेकर गंभीर नहीं है दूसरी वजह यह भी हो सकती है आदिवासी नेतृत्व को लेकर वर्तमान नेताओं में होड़ सी मची हुई है और आदिवासी समाज कई भागों में बटा हुआ है ऐसा आज के अधिवेशन को लेकर लगा। इस दौरान उपस्थित पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री कुंवर विजय शाह ने मीडिया से एक चर्चा के दौरान बताया कि आदिवासियों के विकास के लिए हम पूरा प्रयास कर रहे हैं हमारा उद्देश्य आदिवासी समाज का उत्थान एवं उनकी पूर्व की गरिमा को पुनः स्थापित करना है आदिवासियों की मांग जो रखी गई है केंद्र सरकार से वह पूरी कराने की हम कोशिश करेंगे वहीं उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि आदिवासी समाज देश हित और राष्ट्र में लगा हुआ है जब उनसे यह पूछा गया की आरएसएस भारतीय जनता पार्टी 20 21 की जनगणना में आदिवासियों को अपने धर्म में हिंदू लिखने के लिए प्रेरित करेगी तो उन्होंने कहा आदिवासी देश के लिए काम करते हैं और हमेशा करेंगे ऐसा कुछ नहीं है कि वह किसी धर्म में विश्वास नहीं रखते लेकिन आदिवासियों की अपनी एक समस्याएं हैं जिनको लेकर वह अपना हक और अधिकार मांग रहे हैं हमारी पार्टी और हमारी सरकार आदिवासियों के कल्याण के लिए हमेशा तत्पर है और रहेगी। इस अवसर पर मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के उपस्थित राजघराने और आदिवासी प्रतिनिधियों का मो मेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया। महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुंवर अरविंद सिंह जूदेव बीएस ठाकुर प्रमोद ठाकुर पुष्पा ठाकुर सहित एक दर्जन राजघरानों के राज और प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस अवसर पर अखिल भारतीय राज गोंड महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नील करण राज ठाकुर ने बताया कि हमने जो 18 बिंदुओं का ज्ञापन बनाया है यह मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को देंगे और वही समाज के उत्थान के लिए कार्य करते रहेंगे भारत देश में शामिल आदिवासी गोंड समाज के 258 रियासतों में 52 गढ़ और 57 परगना थे भारत में विलय के उपरांत इन रियासतों के आदिवासियों को किसी भी सरकार ने उस समय दिए गए आश्वासन और अनुबंध के अनुसार कोई कार्य आज पर अंत नहीं किया जिससे हमारी समाज आज भी वही के वही खड़ी है बल्कि उस समय से और भी आज के हमारी समाज के हालात हैं जिसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं जब समाज एक होगा क्योंकि एकजुटता से ही समाज का विकास संभव है जिसका मैं प्रयास कर रहा हूं।
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