पेंटिंग आर्टिस्ट डॉ. दिव्या कौशल को प्लेटफार्म की तलाश

पेंटिंग आर्टिस्ट डॉ दिव्या कौशल को पाँटस पेटिंग के लिए प्लेटफार्म की तलाश प्रदेश की राजधानी भोपाल में कबाड़ से जुगाड़ द्वारा बनाई जाने वाली पेंटिंग मैं महारत हासिल दिव्या कौशल पिछले  2 वर्षों से प्रयासरत हैं इन्होंने खाली बोतल, टायर एवं कई पेपर पर बेहतरीन कलाकृतियों की पेंटिंग की है अभी तक इन्होंने अपने कला की मध्य प्रदेश के रोज फेस्टिवल में एवं ओजस्विनी फेस्टिवल में अपनी पेंटिंग ओं की प्रदर्शनी लगाई है इनके द्वारा बनाई पेंटिंग ओं का आकर्षण देखने लायक है डॉ दिव्या का कहना है कि पेंटिंग कला मनुष्य की अंदर की भावनाओं को आपूर्ति प्रदान करती है मनुष्य के द्वारा  यूं तो कई कलाओं के प्रकार का प्रदर्शन किया जाता है लेकिन पेंटिंग प्रतियोगिता एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसने अपने भावों और विचारों को उकेरा जाता है जिससे कलाकार की कला में निखार आता है डॉ दिव्या कौशल की 800 के लगभग कलाकृतियों की बिक्री अभी तक हुई है उन्हें एक अच्छे प्लेटफार्म की तलाश है जिसके लिए वह प्रयासरत हैं आगे उनका सपना है कि किसी बेहतरीन कलाकृति के द्वारा वह अपनी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं वरन अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करना चाहती हैं


 


 


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