शासकीय अभिलेखों से 60 लाख हेक्टेयर शासकीय भूमि गायब
शासकीय अभिलेखों से 60 लाख हेक्टेयर शासकीय भूमि गायब मध्य प्रदेश राज्य का सन 1956 में पुनर्गठन हुआ एवं राज्य सरकार ने 4 करोड़ 42 लाख हेक्टेयर भूमि भौगोलिक क्षेत्रफल प्रतिवेदन किया इसके उपरांत 1956 में पुनर गठित मध्य प्रदेश राज्य का वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ का राज्य के रूप में विभाजन हुआ 1956 से 2000 तक मध्य प्रदेश राजस्व विभाग ने जिलेवार राजस्व भूमियों के आंकड़े प्रीति वेदित कर 42 लाख 91 हजार 100 हेक्टर शासकीय भूमि अभिलेखों में कम होना बताया इन आंकड़ों में किस जिले में कितनी शासकीय भूमि अभिलेखों से कम हुई यह राजस्व विभाग ने जानकारी स्वयं प्रति वेदित की वही 1956 से 2000 तक मध्य प्रदेश वन विभाग ने राज्य में वन भूमियों के आंकड़े प्रतिबंधित कर 17 लाख 95 हजार 360 हेक्टर शासकीय वन भूमि शासकीय अभिलेखों से कम होना बताया इस हिसाब से 1956 से 2000 तक शासकीय अभिलेखों में दर्ज शासकीय भूमि राजस्व एवं वन भूमि के वार्षिक आंकड़े दोनों ही विभाग प्रतिनिधित्व करते आए हैं सांख्यिकी विभाग प्रकाशित करता आया है कि जिसके आधार पर किस वर्ष में कितनी कितनी भूमि कम हुई इसका आकलन एवं परीक्षण व समीक्षा किए जाने के लिए फ़िलहाल कोई भी तैयार नहीं है वही 60 लाख 86 हजार 460 हेक्टर शासकीय भूमि के संबंध में भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक ने ऑडिट किए जाने का कोई प्रयास नहीं किया भारतीय सांख्यिकी ब्यूरो ने इस विषय पर कभी कोई पहल नहीं की अन्य किसी भी संवैधानिक वैधानिक संगठन ने इस विषय को अभी तक जांच का विषय नहीं माना इससे पता चलता है कि मध्य प्रदेश की सरकार सहित राष्ट्र की सरकार इन बातों को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं है जिसकी जांच की जाना आवश्यक है !
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